उत्तर प्रदेश में कैराना और नूरपुर उपचुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं और मंत्रियों की ओर से अजीबोगरीब बयान आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। योगी आदित्यनाथ के एक मंत्री उपचुनावों में मिली हार के बचाव में अजीबोगरीब तर्क देने में लगे हुए हैं, लेकिन बीजेपी और उसके लोग उपचुनावों में हार को अंदर से स्वीकार करने को तैयार कतई नहीं हैं। यह अलग बात है कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व हार को दबे शब्दों में स्वीकार करते हुए समीक्षा करने की भी बात कर रहे हैं।
ANIबीजेपी सरकार के मंत्री गण उपचुनाव की हार को एक दूसरे नजरिए से देख उस पर पर्दा डाल रहे हैं। यही नहीं योगी सरकार का कोई मंत्री उपचुनाव की हार को ‘लौ बुझने से पहले तेज जलती है’ के नजरिए से देख रहा है तो कोई मंत्री कह रहा कि ‘भाजपा के समर्थक गर्मी की छुट्यिों में बच्चों संग घूमने चले गए इसलिए हार गए’ के नजरिए से देख रहा है। यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर गठबंधन का उम्मीदवार तो नूरपुर विधानसभा सीट पर सपा का उम्मीदवार विजयी हुआ है।
There is a big difference between by polls & general elections as more people take part in the latter. Our supporters and voters had gone with their children for summer holidays so we lost those two seats(Kairana&Noorpur): Laxmi Narayan Chaudhary, UP Minister #BypollResults2018 pic.twitter.com/nqeFYxb8WI
— ANI UP (@ANINewsUP) June 1, 2018
वहीं, यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में शामिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी के खराब प्रदर्शन की वजह यह रही कि पार्टी के वोटर्स गर्मी की छुट्टियां मनाने बाहर चले गए थे। उन्होंने कहा, ‘हमारे समर्थक और मतदाता अपने बच्चों के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने निकल गए थे, इसलिए हमें दोनों सीटों (कैराना और नूरपुर में ) पर हार का सामना करना पड़ा।’
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय का कैराना और नूरपुर के चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहना है कि “विकास की राजनीति पर थोड़े समय के लिए फतवों व जातिवादी, सिद्धान्तविहीन राजनीति भारी पड़ी है।”
डॉ. पाण्डेय ने कहा, “यद्यपि वहां के स्थानीय समीकरण चुनौतीपूर्ण थे परंतु फिर भी हमने कैराना लोकसभा में दो विधानसभाओं में कथित गठबंधन को हराया, लेकिन तीन विधानसभाओं में कहां कमियां रह गईं, साथ ही नूरपुर में भाजपा को कथित गठबंधन के बावजूद विधानसभा चुनाव के मुकाबले 11 हजार वोट अधिक प्राप्त हुए, लेकिन फिर भी कुछ वोटों के अंतर से चुनावी नतीजे हमारे अनुकूल नहीं रहे, हम इसकी गहन समीक्षा करेंगे, तदनुसार आगे की रणनीति एवं कार्ययोजना बनाएंगे।”
उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकास और किसान कल्याण की राजनीति तथा अपनी योजनाओं के प्रसार के साथ जनता के मध्य सकारात्मक राजनीति की है, वहीं विपक्ष झूठ और फतवों की नकारात्मक साम्प्रदायिक प्रवृत्ति की राजनीति के साथ चुनाव में था, लेकिन झूठ और फतवों की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलेगी। जनता 2019 के आम चुनाव में मोदी जी को पुन: प्रधानमंत्री बनाकर विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को अवश्य जवाब देगी। इसी तरह योगी सरकार के राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा है कि ‘कैराना में जीत जातिवाद एवं संप्रदायवाद की जीत है जो तात्कालिक है। मोदी जी ने नारा दिया जातिवाद मुक्त, संप्रदाय मुक्त भारत का और जनता काम कर रही है। लेकिन लौ बुझने से पहले तेज जलती है। उपचुनाव का परिणाम भी यही है।’
वहीं कैराना-नूरपुर उपचुनाव में हार को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के समर्थक बच्चों के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने बाहर चले गए। इसकी वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। चौधरी ने कहा कि उपचुनाव और आम चुनाव में बहुत बड़ा फर्क होता है। उपचुनाव के मुकाबले आम चुनाव में ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं। गर्मी की छुट्टियां होने की वजह से हमारे समर्थक और वोटर बच्चों के साथ बाहर घूमने चले गए। इसलिए हम लोग दोनों सीट पर हार गए।