उत्तर प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 मंगलवार(16 मई) को विधानसभा में पारित हो गया। इससे पहले विधेयक को सदन में कल(सोमवार) पेश किया गया था और चर्चा के बाद सदस्यों ने मंगलवार को इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने हालांकि, सरकार के समक्ष कुछ सुझाव रखे, जिनमें विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव शामिल था।विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे क्रान्तिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में है। यह वृहद आर्थिक सुधारों की दिशा में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों का परिणाम है। इससे कर प्रणाली में एकसमानता जाएगी।
सीएम योगी ने जीएसटी कानून को राज्य के व्यापारियों और उपभोक्ताओं के हित में बताते हुए कहा कि जीएसटी से कर व्यवस्था में समानता आएगी। योगी ने राज्य विधानसभा में जीएसटी विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी विधेयक देश और प्रदेश के व्यापारियों के हित में है, इसलिये सदन के सभी सदस्यों को चाहिये कि वे दलगत भावना से उपर उठकर इसे सदन में पारित कराने में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों को भ्रम है कि प्रत्येक माह रिटर्न भरना होगा जबकि ऐसा नहीं है, बल्कि तीन माह में एक बार ऑनलाइन रिटर्न भरना होगा। अब सभी टैक्स एक ही जगह ऑनलाइन भरे जा सकेंगे और व्यापारियों तथा उद्यमियों को कोई परेशानी नहीं होगी।