मेनका गांधी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा के लिए फिल्मों को ठहराया जिम्मेदार

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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि, लड़िकयों और महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं के लिए उन्होंने बॉलीवुड और प्रादेशिक फिल्मों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि, ‘सभी फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़खानी से होती है।

PHOTO- ANI

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (7 अप्रैल) को गोवा फेस्ट 2017 में एक कार्यक्रम में मेनका गांधी ने कहा, ‘सभी फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़खानी से होती है, चाहे वह हिंदी फिल्म हो या फिर क्षेत्रीय फिल्म, दिखाया जाता है कि हीरो और उसके दोस्त किसी महिला को घेर लेते हैं, कमेंट करते हैं, कुछ बोलते हैं। वह उसे छूता है और लड़की उसके प्यार में पड़ जाती है।’

मेनका गांधी का कहना है कि फिल्मों में दिखाए जाने इस तरह के दृश्यों की वजह से पुरुषों को प्रोतसाहन मिलता है। साथ ही मेनका ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान बिहार और जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में सफल रहा है।

बता दें कि, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं। एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि हॉस्टल में रहने वाले लड़के-लड़कियों के ज्यादा देर रात बाहर निकलने पर पहरा होना चाहिए जिससे वह भटके नहीं। मेनका गांधी ने कहा था कि लड़कियों और लड़कों के लिए एक तरह की ‘लक्ष्मण रेखा’ लगाई जानी चाहिए जिससे वे काबू से बाहर ना हों।

साथ ही उन्होंने कहा था कि, जब आप 16-17 साल के होते हैं तो हॉर्मोन में हो रहे बदलावों के चलते बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति में होते हैं। हार्मोंस के इस विस्फोट की वजह से होने वाली किसी भी गलती से खुद को रोकने के लिए एक लक्ष्मण रेखा खींचे जाने की जरूरत है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के इस बयान का जमकर विरोध हुआ था।

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