केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार(15 मार्च) को आखिरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति(नेशनल हेल्थ पॉलिसी) को मंजूरी दे दी। इस नीति के जरिए देश में सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव है। ये स्वास्थ्य नीति पिछले दो साल से लंबित थी। इस ड्राफ्ट को पीएम मोदी के निर्देशानुसार कुछ बदलाव करते हुए मंजूरी दी गई है।
नई स्वास्थ्य नीति के तहत हर किसी को सरकारी इलाज की सुविधा मिलेगी और मरीज को इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकेगा। पॉलिसी में मरीजों के लिए बीमा का भी प्रावधान है। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों को ऐसे इलाज के लिए तय रकम दी जाएगी।
हालांकि, इसे सूचना या भोजन के अधिकार की तरह लोगों का अधिकार घोषित नहीं किया जाएगा। इस नीति की घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा गुरुवार को संसद में करेंगे।
पढें, क्या है राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति?
- इस नीति में मरीजों को यह सुविधा होगी कि वे जिस अस्पताल में चाहें अपना इलाज करवा सकते हैं।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के अंतर्गत कोई भी हॉस्पिटल किसी भी तरह के इलाज के लिए मरीजों को मना नहीं कर पाएंगे। इसमें निजी हॉस्पिटल भी शामिल हैं।
- स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों को ऐसे इलाज के लिए तय रकम दी जाएगी। ऐसे में नए अस्पताल बनाने में लगने वाले धन को सीधे इलाज पर खर्च किया जा सकेगा।
- इस समय देश में डॉक्टर से दिखाने में 80 प्रतिशत और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में 60 फीसदी हिस्सा निजी क्षेत्र का है।
- लेकिन निजी क्षेत्र के अस्पतालों में जाने वाले लोगों में अधिकतर को अपनी जेब से ही इसका भुगतान करना होता है।
- स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों का इलाज मुफ्त में किए जाने का प्रावधान है।
- प्रस्ताव में व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात कही गई है।
- साथ ही मातृ और शिशु मृत्यु दर घटाने के साथ-साथ देशभर के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और मरीजों की जांच के सभी साधन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- इस प्रस्ताव में स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दिया गया है। साथ ही प्रमुख बीमारियों को समाप्त करने के लिए समय सीमा तय की गई है।