उमा भारती ने खोली PM मोदी के व्यक्तित्व की पोल, कहा- यह विकास नहीं ‘विनाश पुरुष’ हैं, पुराना वीडियो फिर से हुआ वायरल

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प्रखर हिन्दुत्वादी विचारधारा की नुमाइन्दी करने वाली उमा भारती का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहा है जिसमें वह आज के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर बरस रही है। वह पीएम मोदी के बारें में जितनी बाते बताती है कथित तौर पर उनके आज के सदर्भ बिल्कुल सटीक बैठते है। नोटबंदी की मार सहने के बाद चरमराई अर्थव्यवस्था और बीजेपी पर चारों तरफ से किया जा रहा हमला इस बात के मौजूदा प्रमाण है।

इस पुराने वीडियो में मौजूदा केंद्रीय मंत्री उमा भारती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहती हैं कि मोदी कोई विकास पुरुष नहीं हैं..वो सिर्फ एक विनाश पुरुष हैं।

कहा जाता है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता यहां केवल अवसरों का लाभ उठाया जाता है। पीएम मोदी के बारें में इतनी जबरदस्त आलोचना उमा भारती ने तब की थी जब उन्हें भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था और उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। यहां उमा भारती ने गुजरात के संदर्भ में पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला था और उन्हें विनाश पुरुष कहकर सम्बोधित किया था।

इसके साथ ही आपको बता दे कि नोटबंदी के बाद लगातार गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के कारण मोदी सरकार अब विपक्ष के साथ-साथ अपने घर में भी घिरती नजर आ रही है। पिछले दिनों देश की अर्थव्यवस्था की ‘‘बदहाली’’ पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को घेरने के बाद अब  बीजेपी के एक और पुराने दिग्गज अरुण शौरी ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

कमजोर आर्थिक ग्रोथ और नौकरियों के कम होते अवसरों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए अरुण शौरी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला आत्महत्या करने जैसा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कुछ ज्यादा ही बहादुरी वाला फैसला था। यही नहीं उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को ‘ढाई लोगों की सरकार’ बताया। शौरी ने कहा कि यह सरकार विशेषज्ञों की बात नहीं सुनती है।

NDTV को दिए इंटरव्यू में अरुण शौरी ने मोदी सरकार को आर्थिक मुद्दों पर कटघरे में खड़ा करते हुए नोटबंदी पर सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि नोटबंदी एक बहुत बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम थी। इसके तहत बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद किया गया। शौरी ने कहा कि इस बात का प्रमाण खुद आरबीआई ने यह कहकर दिया है कि नोटबंदी के दौरान 99 फीसदी पुराने नोट बैंकों में जमा किए गए।

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