महाराष्ट्र में 84 वर्षीय किसान धरमा पाटिल की आत्महत्या के बाद सरकार विपक्षी पार्टी के निशाने पर आ गई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के बाद अब उद्धव ठाकरे ने भी राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है।
न्यूज़18 हिंदी की ख़बर के मुताबिक, सामना में छपे संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने लिखा कि धरमा पाटिल की चिता की आग तुम्हारी कुर्सियां जला देगी। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की है कि वह बीजेपी नहीं, बल्कि सरकार चलाने पर ध्यान दें।
बता दें कि, इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण इस सरकार द्वारा की गई हत्या करार देते हुए सरकार के खिलाफ धारा 302 (हत्या) का केस दर्ज किए जाने की मांग की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेगी।
जमिनीचा योग्य मोबदला मिळावा म्हणून मंत्रालयात विष प्राशन करून आत्महत्येचा प्रयत्न करणारे शेतकरी धर्मा पाटील यांचे निधन. त्यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली ! धर्मा पाटील यांचा मृत्यू ही सरकारी हत्या आहे. सरकारविरोधात 302 चा गुन्हा दाखल केला पाहिजे. pic.twitter.com/vLp1fy539Y
— Ashok Chavan (@AshokChavanINC) January 29, 2018
धरमा पाटिल की मौत पर इंडिया अगेन्स्ट करप्शन की सक्रिय कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से पूछा कि, 4 लाख रुपये वास्तव में पर्याप्त मुआवजे थे।
84 yr old farmer Dharma has breathed his last at JJ Hosp. Dharma consumed poison at Mantralaya on 22nd to protest forcible acquisition of 4 acre land which had 600 mango trees & a well. He was given a compensation of 4 L@Dev_Fadnavis is 4L really enough? pic.twitter.com/JPUmXPo1Uo
— Mrs Anjali Damania (@anjali_damania) January 29, 2018
इससे पहले विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि सरकार की लापरवाही और एंटी किसान नीतियों के कारण किसान की मौत हुई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा है कि मंत्रालय में किसान के आत्महत्या कर लेने के बाद भी सरकार उसे न्याय दिलाने के मूड में नहीं है।
वहीं कांग्रेस नेता राधाकृष्ण पाटिल ने कहा कि सरकार की लापरवाही और एंटी किसान नीतियों के कारण किसान की मौत हुई है। उन्होंने कहा, हजारों किसानों की आत्महत्या के बाद भी सरकार अब तक नहीं जाग पाई है।
बता दें कि, उत्तर महाराष्ट्र के रहने वाले किसान धरमा पाटिल ने 22 जनवरी को ‘मंत्रालय’ (महाराष्ट्र सचिवालय) के सामने जमीन के पर्याप्त मुआवजे की मांग करते हुए जहरीला पदार्थ खा लिया था। इसके बाद उन्हें जे जे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार रात उनकी मौत हो गई।