संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने गुरुवार (4 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को ‘‘काफी बढावा’’ देने के लिए प्रतिष्ठित जायद मेडल से सम्मानित किया। यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान ने राजाओं, राष्ट्रपतियों और राष्ट्राध्यक्षों को दिये जाने वाले इस सर्वोच्च सम्मान से प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया।
अबुधाबी के युवराज मोहम्मद बिन जायद ने ट्वीट किया, ‘‘भारत से हमारे ऐतिहासिक और व्यापक रणनीतिक रिश्ते हैं, जिन्हें हमारे प्रिय मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और बढावा दिया है। उनके प्रयासों की सराहना करते हुए यूएई के राष्ट्रपति ने जायद मेडल प्रदान किया है।’’
We have historical and comprehensive strategic ties with India, reinforced by the pivotal role of my dear friend, Prime Minister Narendra Modi, who gave these relations a big boost. In appreciation of his efforts, the UAE President grants him the Zayed Medal.
— محمد بن زايد (@MohamedBinZayed) April 4, 2019
खलीज टाइम्स की खबर के मुताबिक दीर्घकालिक मैत्री और दोनों देशों के बीच संयुक्त रणनीतिक सहयोग को और मजबूती देने में मोदी की भूमिका की सराहना के तौर पर यह सम्मान दिया गया है। बता दें कि सऊदी सरकार द्वारा यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब भारत में आगामी लोकसभा चुनाव के ठीक बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक हिंदू मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की रिपोर्टों के बाद अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद और सऊदी अरब भारतीय विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों के निशाने पर हैं।
क्राउन प्रिंस और पीएम मोदी के बीच इस तालमेल को विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों ने एक ‘खतरनाक खेल’ बताया है। दरअसल, बवाल उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मचा है जिसमें कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 20 अप्रैल को अबू धाबी में स्वामी नारायण संप्रदाय से संबंधित एक हिंदू मंदिर के दूसरे शिलान्यास समारोह में भाग ले सकते हैं। हालांकि, आयोजकों द्वारा भेजी गई बुकलेट में अभी तक मोदी के नाम की पुष्टि नहीं की गई है कि वह इस समारोह में अतिथि हैं।
सोशल मीडिया पर इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि क्या पीएम मोदी उस वक्त विदेश में किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा ले सकते हैं जब देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो? पूर्व राजनयिक केसी सिंह ने चुनाव के बीच में मोदी के दौरे को लेकर अबू धाबी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की आलोचना की है। उनका आरोप है कि इस समारोह के जरिए चुनावों में मोदी को मदद मिल सके इसके मद्देनजर राजकुमारों द्वारा इस खतरनाक खेल को रचा गया है।