जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकी हमले में पिछले साल शहीद हुए भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब के परिवार की ओर से आतंकवाद को करारा जवाब दिया गया है। दरअसल, शहीद औरंगजेब के दो भाई भी सोमवार को भारतीय सेना में शामिल हो गए। बड़े भाई का बदला लेने के लिए मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शब्बीर सेना में भर्ती हुए हैं। गर्व के इन क्षणों में शहीद औरंगजेब के पिता ने कहा कि अपने एक बेटे की शहादत का बदला लेने के लिए मैंने दो बेटों को सेना में भेजा है।
बता दें कि औरंगजेब की पिछले साल 14 जून को आतंकियों ने उस वक्त अगवा कर हत्या कर दी थी, जब वह ईद मनाने के लिए अपने घर लौट रहे थे। अब उनके भाइयों मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शब्बीर भी सेना में शामिल होकर देश सेवा का जज्बा दिखाया है। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में औरंगजेब के भाई शब्बीर ने सेना में भर्ती होने के फैसले को लेकर कहा, ‘अपने प्रदेश और हिंदुस्तान को बचाने और अपने भाई का बदला लेने के लिए हम भर्ती हुए हैं।’
J&K: Mohd Tariq & Mohd Shabbir, brothers of Army personnel Aurangzeb join Indian Army during Enrolment Parade of 100 New Recruits, today in Rajouri. Aurangzeb was abducted & later killed by terrorists, when he was on his way home on June 14, 2018. pic.twitter.com/KhZjow9N1k
— ANI (@ANI) July 22, 2019
मोहम्मद शब्बीर सलानी ने कहा कि हमने आर्मी देश प्रेम और भाई का बदला लेने के लिए ज्वाइन की है। साउथ कश्मीर में हिजबुल आतंकियों ने भाई औरंगजेब को मारा था। इनके पिता मोहम्मद हनीफ सलानी भी आर्मी में रह चुके हैं। एएनआई के मुताबिक, सोमवार को राजौरी में भारतीय सेना में 100 नए जवान भर्ती हुए। उनमें तारिक और शब्बीर भी शामिल हैं। तारिक और शब्बीर का एक छोटा भाई भी है, वो भी आर्मी में रहकर देश की सेवा करना चाहता है। फिलहाल वो 16 साल का है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, औरंगजेब के भाई मोहम्मद तारिक पंजाब रेजीमेंट में ट्रेनिंग लेंगे। उन्होंने कहा कि हमने सभी टेस्ट लिखित, मेडिकल और फिजीकल पास किए हैं। पिछले साल 14 जून को हमारे भाई औरंगजेब की हत्या करने के बाद हमने आर्मी ज्वाइन करने की ठानी थी।’ तारिक और शब्बीर मई में पुंछ के सुरनकोट में हुए सेना भर्ती अभियान में सिलेक्ट हुए।
Mother of martyr #Aurangzeb with his younger brothers who joined the Indian Army. Salute pic.twitter.com/qDuRUVY50j
— Aviator Anil Chopra (@Chopsyturvey) July 23, 2019
वहीं, औरंगजेब के पिता हनीफ ने अपने दोनों बेटों के सेना से जुड़ने के मौके पर कहा, ‘मेरे बेटे को आतंकियों ने धोखे से मारा। यदि वह लड़कर मर जाता तो कोई दुख नहीं था, लेकिन धोखे से जान ली गई। हनीफ ने कहा कि दोनों बेटों की भर्ती पर गर्व से मेरा सीना चौड़ा भी हो रहा है, लेकिन सीने पर जख्म भी हैं। मेरा दिल करता है कि उन दुश्मनों से मैं खुद लड़ूं, जिन्होंने मेरे बेटे को मारा।’ हनीफ ने कहा कि मेरे दोनों बेटे औरंगजेब की हत्या का बदला लेंगे।
शहीद सैनिक औरंगजेबबता दें कि 14 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की कायराना हरकत एक बार फिर से देखने को मिली थी। पुलवामा में आतंकवादियों ने सेना के जवान औरंगजेब का अपहरण किया था और बाद में देर शाम उनकी हत्या कर दी थी। जवान का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला, उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान थे। 16 जून को उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी।