भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को शुक्रवार (30 नवंबर) को उस समय बड़ा झटका लगा जब ओडिशा के दो राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों दिलीप रे और बिजॉय महापात्रा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। महापात्रा औरदिलीप रे ने संयुक्त इस्तीफा पत्र बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा।
दोनों ने कहा कि कई नेता टिकट नहीं मिलने के डर से राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चुप्पी साधे रहे हैं। पत्र मे दोनों ने लिखा, “हमारे द्वारा आपके कल्याण के लिए दिए गए सुझावों को कुछ घमंडी, स्वार्थी लोगों द्वारा खतरे के आशय के रूप में समझा गया, जिन्होंने गंदी चालों का सहारा लिया और हमारे संबंधित क्षेत्रों में एक अभियान शुरू किया और हमारा उपहास करने की कोशिश की।”
इस्तीफे में दोनों ने लिखा कि एक आत्मसम्मानी नेता के तौर पर ओडिशा की दशकों तक सेवा करने के बाद वे पार्टी में शोपीस के तौर पर बने रहने से इनकार करते हैं।
दोनों ने कहा, हमारे लिए राज्य का हित सर्वोपरि है। हमने किसी भी पद, रसूख या टिकट के लिए अपने आत्म सम्मान या राज्य के हित से कभी भी समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की चुप्पी किसी लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
ओडिशा के राउरकेला से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक दिलीप रे ने शुक्रवार (30 नवंबर) को विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “बेहद पीड़ा के साथ मैंने राज्य विधानसभा और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता को छोड़ने का फैसला किया है।” उन्होंने स्पीकर प्रदीप अमात से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
It is with deep anguish that I have decided to quit as the Member of State Legislative Assembly as well as from the Membership of Bharatiya Janata Party (BJP). pic.twitter.com/pXMrezRU9H
— Dilip ray (@DilipRayOdisha) November 30, 2018