सैलरी में सिर्फ 2 फीसदी इजाफे के प्रस्ताव से नाराज़ सार्वजनिक बैंक के कर्मचारियों ने आज से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर बुरा असर देखने को मिल सकता है।
file photoख़बरों के मुताबिक, इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल होंगे, जो अपनी सैलरी में सिर्फ 2 फीसदी इजाफे के प्रस्ताव से बेहद नाराज़ हैं। बैंक कर्मियों की इस हड़ताल से लाखों लोग प्रभावित होंगे। इस हड़ताल की वजह से बैंकों की शाखाओं के कामकाज पर तो असर पड़ेगा ही साथ ही ATM में पैसों की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है।
एनडीटीवी से बात करते हुए बैंक यूनियन नेता अशोक गुप्ता ने बताया कि, 14-15 प्रतिशत वेतन वृद्धि से नीचे कर्मचारी तैयार नहीं है। दो प्रतिशत की वृद्धि की बात कर्मचारियों के साथ मजाक है। गुप्ता ने बताया कि बुधवार को हड़ताल में शामिल बैंक कर्मी 10 बजे पार्लियामेंट स्ट्रीट पर एकत्र होकर प्रदर्शन करेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि मैनेजमेंट ने साफ कर दिया है कि वह ज्यादा वेतन देने या बढ़ाने की स्थिति में नहीं है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक कर्मचारियों के संगठन ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश को खारिज कर दिया। संगठन ने अपनी मांग पूरी कराने के लिए हड़ताल की भी चेतावनी दी, बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि एक नवंबर 2017 से लंबित है।
कर्मचारियों के संगठन एआईबीओसी के महासचिव डी.टी. फ्रैंको ने एक बयान में कहा था कि आईबीए ने महज दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की शुरुआती पेशकश की जिसे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीओ) ने खारिज कर दिया। यूएफबीओ नौ कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समूह है।
नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि यूएफबीओ की शनिवार की बैठक में आईबीए के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। पिछली वेतन वृद्धि में आईबीए ने 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी।