सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भीड़ दो लोगों को बुरी तरह बेरहमी से मार रही है। इस वीडियो को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक जरनैल सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है। जरनैल सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित असम में सिखों के साथ बर्बरता का आरोप लगाया है।जरनैल सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “बीजेपी शासित असम में सिखों के साथ बर्बरता, दिल्ली में भी कांग्रेस के राज में कुछ ऐसा ही हुआ था। आज दिल्ली में उनका नाम लेने वाला भी कोई नहीं बचा। देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां देने वाली कौम के साथ यह सब करके कौन सी देश भक्ति दिखाने की कोशिश की जा रही है। लानत है तुम पर…”
Bjp शाषित आसाम में सिखों के साथ बर्बरता,
दिल्ली में भी कांग्रेस के राज में कुछ ऐसा ही हुआ था आज दिल्ली में उनका नाम लेने वाला भी कोई नहीं बचा,
देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां देने वाली कौम के साथ यह सब करके कौनसी देशभक्ति दिखाने की कोशिश की जा रही है लानत है तुम पर.. pic.twitter.com/5PPF5LAhsy— Jarnail Singh (@JarnailSinghAAP) March 10, 2018
वीडियो में मार खा रहे दोनों शख्स लोगों से चिल्ला-चिल्लाकर मदद की भीख मांग कर रहे हैं। लेकिन भीड़ उनकी एक न सुनते हुए दोनों को लात-घूसों से बेरहमी से पीटती हुई नजर आ रही है। वीडियो में एक शख्स बार-बार अपने बेगुनाह होने की बात कहकर लोगों से पानी मांग रहा है। नाराज भीड़ ने ना केवल इन दोनों लोगों की बुरी तरह पिटाई की, बल्कि उनके चेहरे को जलाने की भी कोशिश की।
क्या है वीडियो की सच्चाई?
इस वीडियो को लेकर तरह-तरह दावे किए जा रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों पर बच्चा चोरी का आरोप है, वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग वीडियो को फर्जी करार देते हुए आप विधायक पर सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बच्चे की किडनैपिंग के शक में दो कथित बाबाओं की बेरहमी से लोगों ने पिटाई की।
लेकिन ‘जनता का रिपोर्टर’ ने इस वीडियो की सच्चाई को लेकर जो पड़ताल किया है उसमें पाया है कि जरनैल सिंह ने जो वीडियो शेयर किया है वह असली तो है, लेकिन इस वीडियो के साथ में उन्होंने जो सिखों के साथ बर्बरता का दावा किया है वह गलत है। दरअसल, यह घटना असम के कामरुप जिले का है और यह मामला बच्चा चोरी का नहीं बल्कि फर्जीवाड़ा है।
‘जनता का रिपोर्टर’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में कामरुप के एडिशनल एसपी संदीप कुमार सैकिया ने इस पुरी घटना की विस्तृत जारी दी है। उन्होंने रविवार (11 मार्च) को फोन पर बातचीत में बताया कि यह मामला पिछले महीने 27 फरवरी का है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।
संदीप ने कहा कि अब तक की जांच के मुताबिक, फर्जीवाड़े के आरोप में 27 फरवरी को कामरूप जिले के विजयनगर में भीड़ ने दो लोगों को पकड़ा और उन्हें बुरी तरह से मारा। जब इस मामले की सूचना पुलिस को मिली तो फौरन उन दोनों लोगों को थाने लेकर आया गया। उनके मुताबिक वह दोनों पंजाब के मोहाली जिले के रहने वाले हैं और दोनों ने अपना नाम प्रीतम सिंह और विक्रमजीत सिंह बताया है।
हालांकि उन्होंने कहा कि दोनों पीड़ितों के दावों की पुष्टि के लिए हमने पंजाब पुलिस से संपर्क किया है, जल्द ही उनकी असली पहचान सामने आ जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक प्रीतम और विक्रमजीत यहां किसी चीज की दवा बेचने का काम करते हैं। लोगों का आरोप है कि दोनों ने उनके साथ धोखाधड़ी किया है, जिससे नाराज भीड़ ने उन दोनों की बुरी तरह से पिटाई की।
सैकिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के लोगों के साथ बर्बरता का जो दावा किया जा रहा है वह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि यहां पंजाब के बहुत सारे सिख समुदाय के लोग रहते हैं, उन्हें आज तक कोई परेशानी नहीं हुई है। यह सिर्फ और सिर्फ फर्जीवाड़ा का मामला है। हम सभी से गुजारिश करते हैं कि इस प्रकार का फर्जी दावा ना किया जाए जिससे सांप्रदायिक माहौल खराब हो।