सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार(9 अक्टूबर) को दिवाली के दौरान दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। दिवाली के अवसर पर पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण को देखते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने वाले 11 नवंबर 2016 के आदेश को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया।हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री बैन होने के बाद सोशल मीडिया से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग में बहस छिड़ी हुई है। इस बहस में अब त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय भी कूद गए हैं। राज्यपाल तथागत रॉय ने मंगलवार(10 अक्टूबर) को ट्वीट किया, ”कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे!”
वहीं, इस मामले में न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि अगर कोई प्रदूषण का हवाला देकर याचिका देगा तो एक दिन हिंदू प्रथा के अनुसार अंतिम संस्कार पर भी बैन लग जाएगा।
One day will find Hindu cremation banned or someone filed petition to ban it on grounds of pollution: Tripura Guv Tathagata Roy #CrackerBan pic.twitter.com/cKqjquGs0M
— ANI (@ANI) October 11, 2017
बता दें कि त्रिपुरा के राज्यपाल से पहले मशहूर लेखक चेतन भगत ने भी एक के बाद एक ट्वीट कर इस फैसले पर अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली में पटाखे चलाने पर रोक लगा दी है? पूरी तरह से रोक? बच्चों के लिए बिना पटाखे की कैसी दिवाली? चेतन भगत ने आगे लिखा कि क्या मैं पटाखों पर बैन पर पूछ सकता हूं? हिन्दुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है? क्या बकरे काटने और मुहर्रम में खून बहाने पर रोक लगने जा रही है?
SC bans fireworks on Diwali? A full ban? What’s Diwali for children without crackers?
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
Banning crackers on Diwali is like banning Christmas trees on Christmas and goats on Bakr-Eid. Regulate. Don’t ban. Respect traditions.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली। हैपी दिवाली मेरे दोस्त।
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
I want to see people who fight to remove crackers for Diwali show the same passion in reforming other festivals full of blood and gore.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
चेतन भगत ने एक के बाद एक किए ट्वीट में कहा, ‘’पटाखों के बिना दिवाली वैसी ही है जैसा क्रिसमस ट्री के बिना क्रिसमस और बकरे की कुर्बानी के बिना बकरीद।’’ उन्होंने लिखा कि ‘आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली। हैपी दिवाली मेरे दोस्त।’
चेतन भगत ने आगे कहा कि यदि आपको वातावरण की चिंता है तो आपको अपने घर में एक सप्ताह के लिए बिजली बंद कर देनी चाहिए, कारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आप किस आधार पर दूसरों की परंपराओं पर रोक लगा रहे है? उन्होंने कहा कि जो लोग दिवाली जैसे त्योहारों में सुधार लाना चाहते हैं, मैं उनमें यही शिद्दत खून-खराबे से भरे त्योहारों को सुधारने के लिए भी देखना चाहता हूं।
दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा है कि पिछले साल नवंबर में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों की बिक्री पर उसके द्वारा लगाई गई रोक 31 अक्तूबर तक जारी रहेगी। न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को अस्थायी रूप से हटाने और पटाखों की बिक्री की इजाजत देने वाला शीर्ष अदालत का 12 सितंबर का आदेश एक नवंबर से लागू होगा।
बता दें कि दीवाली 19 अक्तूबर को है और इस आदेश के प्रभावी रहने का मतलब है कि त्योहार से पहले पटाखों की बिक्री नहीं होगी। शीर्ष अदालत ने कहा है कि उसने 12 सितंबर के अपने आदेश में परिवर्तन नहीं किया है लेकिन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले 11 नवंबर 2016 के आदेश को एक और बार आजमाना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 में अपने आदेश के जरिए ‘दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की थोक और खुदरा बिक्री’ की इजाजत देने वाले लाइसेंसो को रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने 12 सितंबर को अपने पहले वाले आदेश को अस्थायी रूप से रद्द करते हुए पटाखों की बिक्री की इजाजत दी थी। अदालत का यह आदेश, नवंबर 2016 के आदेश को बहाल करने की मांग करने वाली याचिका पर आया है।