पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में बनगांव की एक अदालत ने राजद्रोह के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई है। तीनों आतंकियों को साल 2007 में बनगांव सीमा से पकड़ा गया था।
अदालत ने तश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को सरकार विरोधी गतिविध के मामले में मौत की सजा सुनाई है। इन आतंकियों में दो पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं। इन्हें 2007 में बीएसएफ द्वारा पेट्रोपोल में भारत-बांग्लादेश सीमा से गिरफ्तार किया गया था।
भाषा की खबर के अनुसार, सीआईडी डीआईजी (आपरेशन) निशाद परवेज ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद यूनुस और अब्दुल्ला तथा एक भारतीय मुजफ्फर अहमद राठौड़ को न्यायधीश बिनय कुमार पाठक की बोनगांव फास्ट ट्रैक अदालत-1 ने मौत की सजा सुनाई। इन तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121 और 122 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अब्दुल्ला पाकिस्तान के कराची और यूनुस हरिपुर का रहने वाला है, जबकि राठौड़ जम्मू कश्मीर के अनंतनाग से है। इन्हें चार अप्रैल, 2007 को पेट्रोपोल में बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में घुसपैठ करते समय गिरफ्तार किया गया था।
उनकी जम्मू कश्मीर में सेना के शिविरों में हमले की योजना थी लेकिन इससे पहले ही उन्हें बीएसएफ ने गिरफ्तार कर लिया और बानगांव पुलिस स्टेशन को सौंप दिया। लश्करे तैयबा के अन्य आतंकी महाराष्ट्र के शेख अब्दुल्ला नईम उर्फ समीर को भी उनके साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन वह मुंबई ले जाते वक्त 2013 में भाग गया।
West Bengal: Bongaon Court convicts three LeT terrorists, pronounce capital punishment. They were arrested from Bongaon border in 2007. pic.twitter.com/lzg9xn3xS2
— ANI (@ANI) January 21, 2017