नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 राज्यसभा में पेश, अमित शाह ने बिल को बताया ऐतिहासिक, कांग्रेस का पलटवार

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नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा से बंपर वोटों के साथ मंजूरी दिलाने के बाद मोदी सरकार को राज्यसभा से भी इसके पारित होने की उम्मीद है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश कर दिया है। सदन में विधेयक पर चर्चा हो रही है।

नागरिकता संशोधन विधेयक

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को राज्यसभा में बुधवार को पेश किए जाने से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष इस मुद्दे पर आमने सामने हैं। एक ओर विपक्षी दल धार्मिक आधार पर नागरिकता देने को संविधान विरोधी बता रहे हैं, वहीं सत्तापक्ष इस मामले में विपक्ष पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगा रहा है।

नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी, उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखकर इस बिल को लाया गया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर गलत सूचना फैलाई गई कि यह बिल भारत के मुसलमानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मैं यह कहते हुए लोगों से पूछना चाहता हूं कि यह बिल भारतीय मुसलमानों से कैसे संबंधित है? वे भारतीय नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे, उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान कहा, “पिछले कुछ साल से इसकी चर्चा रही है। 2016 में भी यह बिल लाया गया था, उस बिल में इस बिल में काफी अंतर है। गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा था कि बिल में कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन में इससे इत्तेफाक नहीं रखता।”

आनंद शर्मा ने कहा कि आप कह रहे हैं कि यह बिल ऐतिहासिक है, लेकिन यह समय बताएगा कि यह बिल ऐतिहासिक है या नहीं। इस बिल को लेकर सरकार इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है? सरकार ऐसा दिखाने की कोशिश कर रही है कि न जाने कौन सी विपदा आ गई है और जल्दबाजी में इस बिल को लाया जा रहा है।”

कांग्रेस सांसद ने कहा, “इस बिल के जरिए भारत के लोकतंत्र के हमला किया गया है। यह भारत के संविधान के खिलाफ है। यह संविधान द्वारा प्रदान किए गए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। इस लिए मैं इस विधेयक के खिलाफ खड़ा हूं।”

आनंद शर्मा ने कहा कि यह विधेयक संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है।

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