VIDEO: युवक को घसीटकर ले जाती बिहार पुलिस का वीडियो हुआ वायरल, तेजस्वी यादव बोले- ‘नीतीश राज में हक की मांग करने वाले महादलितों का यही हश्र होता है’

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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बिहार पुलिस एक युवक को घसीटते हुए लेकर जा रही है। कुछ दूर तक युवक को घसीटते हुए लेकर जाने के बाद पुलिसकर्मी उसकी पिटाई भी कर रहे हैं। इस वीडियो के सहारे राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी यादव का आरोप लगाया है कि बिहार में अगर कोई महादलित युवा अपना हक मांगता है तो उसका यही हश्र होता है।आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट में इस वीडियो को पोस्ट किया है। इस वीडियो में एक शख्स को पुलिस घसीटकर ले जरा ही है और उसे डंडों से पीट रही है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार को समीक्षा यात्रा नहीं क्षमा यात्रा करनी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि जिस दिन से नीतीश कुमार ने समीक्षा यात्रा की शुरुआत की है, उसी दिन से उन्हें लोगों के विरोध, प्रदर्शन और नारेबाजी का सामना करना पड़ रहा है।

तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘नीतीश कुमार को समीक्षा यात्रा नहीं क्षमा यात्रा करनी चाहिए। बिहार में कोई महादलित अगर अपने हक की मांग करता है तो नीतीश जी उसका यह हश्र कराते हैं।’ तेजस्वी ने कहा कि बिहार के गरीब नीतीश के छद्म विकास पर पत्थर फेंक रहे हैं नीतीश जी को सोचना चाहिए हर जिले में आमजन उनका विरोध क्यों कर रहे है? इसके अलावा तेजस्वी यादव ने अपने कई ट्विटर अकाउंट पर कई अन्य वीडियो भी डाला है।

इन वीडियो में नीतीश कुमार के गाडियों के काफिले पर लोग पत्थर फेंकते हुए दिख रहे हैं। आपको बता दें कि बिहार के बक्सर जिले के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर शुक्रवार को नाराज लोगों ने पथराव कर दिया था। इस घटना में मुख्यमंत्री को तो चोट तो नहीं लगी, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए।

नीतीश कुमार के काफिले पर हमले की जांच शुरू

नीतीश कुमार के काफिले पर शुक्रवार को पथराव की घटना के बाद जहां सत्तापक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, वहीं इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले की जांच का जिम्मा पटना क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खां और आयुक्त आनंद किशोर को सौंपा गया है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि दोनों अधिकारियों ने जिले के अधिकारियों से इस मामले में पूछताछ कर ली है और उस गांव में भी जाकर लोगों से पूछताछ करेंगे। पूरे मामले की जांच के बाद ये अधिकारी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। इधर, इस घटना के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले को बेहद चिंताजनक बताते हुए मुख्यमंत्री को पहले अपने व्यक्तित्व और राजनीतिक चरित्र की समीक्षा करने की सलाह दी है। तेजस्वी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री आत्ममनन और चिंतन करें कि हर जगह, हर समय और हर क्षेत्र के लोग उनका विरोध क्यों और किसलिए कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री बताएं कि किस असुरक्षा की भावना से ग्रस्त होकर वह शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और रोजगार जैसे अति जरूरी और गंभीर मसलों को छोड़कर दूसरे राग अलाप रहे हैं?’ इधर, जद (यू) ने भी तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘कानूनी चिंतन’ करने की सलाह दी है। जद (यू) प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को कहा कि, “तेजस्वी यादव जी को भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए पिता लालू प्रसाद को जेल से निकालने के लिए ‘कानूनी चिंतन’ करना चाहिए।”

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों ‘विकास समीक्षा यात्रा’ के तहत राज्य के सभी जिलों का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री लोगों के बीच जाकर विकास कार्यो का जायजा ले रहे हैं और अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे हैं।

 

 

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