उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर ‘ताजमहल’ न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। प्यार की इस निशानी को देखने के लिए दूर देशों से हजारों सैलानी यहां आते हैं। यही वजह है कि ताजमहल, प्रेम और भारत की अमिट पहचान बन चुका है। हालांकि, भले ही इस प्यार की निशानी को दुनिया भर में भारत की पहचान के रूप में जाना जाता हो, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘ताजमहल’ को भारतीय मानने से ही इनकार कर दिया है। जी हां, सीएम योगी के लिए ताजमहल एक इमारत के सिवा कुछ नहीं है।
उन्होंने दुनिया के सात अजूबों में से एक ‘ताजमहल’ को भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया है। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर गुरुवार(15 जून) को बिहार के दरभंगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार का 3 साल कई मायनों में बेमिसाल रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में परिवर्तन होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि पहले देश में आने वाले विदेशी गणमान्य लोगों द्वारा ताजमहल और अन्य मीनारों की प्रतिकृतियां भेंट किए जाते थे, जो भारत के संस्कृति से मेल नहीं खाती थी। लेकिन अब गीता या रामायण गिफ्ट की जाती हैं, ये हमारी संस्कृति है।
योगी ने कहा कि अब तो अमेरिका भी मोदी जी को आदर्श मानता है। साथ ही सीएम ने कहा कि अयोध्या को सीधे बिहार के सीतामढ़ी से जोड़ेंगे। अयोध्या को लेकर आप निश्चिंत रहें। जो भावनाएं हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। योगी ने लालू और नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार बेमेल शादी बर्दाश्त नहीं करेगा। 2019 में हम बीजेपी की सरकार बना के रहेंगे।