DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने अनशन के नौवें दिन PM मोदी के नाम लिखा पत्र

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महिलाओं और बच्चियों से रेप जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ कठोर कानून की मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनशन अभी भी जारी है, उनके अनशन का आज नौवां दिन है। बता दें कि, अपने अनशन के नौवें दिन (शनिवार) को स्वाति मालीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक पत्र लिखा है।

जिसकी कॉपी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। अपने पत्र की शुरुआत में स्वाति मालीवाल ने लिखा कि, “आज आप अपनी विदेश यात्रा करके लौट आये है। मुझे आपको बताते हुए बहुत दु:ख महसूस कर रहीं हू कि आपके पीछे इस देश में बच्चियों के साथ दिल दहलाने वाले कई वाक्य हुए है।”

साथ ही अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि, “सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर यह सूचना दी कि भारत सरकार केंद्र में ऐसा कानून लाने जा रही है जिसमें 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन अपराधियों को फांसी की सजा दी जाएगी। मैं इस कदम की सराहना करती हूं क्योंकि अभी दो महीने पहले सर्वोच्च न्यायलय में केंद्र ने कहा था कि वो बलात्कारियों को फांसी देने के पक्ष में नहीं है। मुझे पता चला है कि, आज आपने इसको लेकर एक कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई है।”

स्वाति मालीवाल ने अनशन खत्म करने के लिए रखी 6 मांगे :

1. कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित हो।
2. कानून में यह सुनिश्चित करें कि देश भर की सरकारें पुलिस में नियुक्ति तुरंत संयुक्त राष्ट्र के मानकों के हिसाब से करेंगी और पुलिस की जवाबदेही भी तय करेंगी।
3. सालों से अटकी दिल्ली पुलिस की संसाधनों की फाइलों पुर तुरंत कार्यवाही करे।
A. 14000 कर्मियों की फाइल जो गृह मंत्रालय से पारित होकर वित्त मत्रालय में रुकी हुई है तुरंत पारित हो।
B. लगभग 40,000 कर्मियों की फाइल जो गृह मंत्रालय में है उस पर केंद्र सरकार समयबद्द योजना घोषित करे।
4. देश भर की पुलिस के लिए बनाए जा रहे सॉफ्टवेयर के पूर्ण रूप से संचालन की तुरंत समय सीमा तय हो।
5. देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बढ़ाये जायें, इसके लिए केंद्र रूप रेखा बताये। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली में संचालित व प्रस्तावित फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट्स के लिए केंद्र सरकार अपने हिस्से का 50% फण्ड प्रदान करे जो 5 साल से नहीं दिया गया है।
6. दिल्ली में एक उच्चस्तरीय कमिटी तुरंत गठित की जाये जिसमे गृह मंत्री, उपराज्यपाल, मुख्मंत्री, महिला आयोग व पुलिस कमिश्नर शामिल हो जो हर महीने देश की राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा का जायजा ले।

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