केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के ट्वीट से सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किए जाने की अटकलें शुरू हो गई थीं, जो बाद में गलत साबित हुईं। सुषमा स्वराज ने इस तरह की खबरों को ट्वीट कर खारिज कर दिया। हर्षवर्धन ने ट्वीट कर सुषमा स्वराज को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने पर बधाई दी थी, जिसे बाद में हटा लिया।
Express Photo by Prem Nath Pandeyदरअसल, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को एक ट्वीट कर सबको चौंका दिया। उन्होंने सुषमा स्वराज को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनने की बधाई दे डाली, हालांकि कुछ देर बाद ही सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर इस खबर का खंडन कर दिया। जिसके बाद हर्षवर्धन ने अपने ट्वीट को एक घंटे के भीतर हटा लिया।
केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा था, “भाजपा की वरिष्ठ नेता और मेरी दीदी, पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनने पर बहुत बधाई व शुभकामनाएं। सभी क्षेत्रों में आपके लंबे अनुभव से प्रदेश की जनता लाभान्वित होगी।”
इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, ‘आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर मेरी नियुक्ति की खबरें सच नहीं हैं।’ गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया।
The news about my appointment as Governor of Andhra Pradesh is not true.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 10, 2019
सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर इस खबर का खंडन करते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मैंने भारत के उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू जी को विदेश मंत्रालय का दफ्तर खाली करने को लेकर फोन किया था। शायद ट्विटर के लिए अटकल लगाने के लिए इतना ही काफी था…आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने की खबर सही नहीं है।”
I called on the Vice President of India Shri Venkaiah Naidu ji on demitting office as Minister of External affairs. This was enough for Twitter to appoint me as the Governor of Andhra Pradesh.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 10, 2019
बता दें कि इस बार के आम चुनाव में सुषमा स्वराज ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। वहीं, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सुषमा को कोई पद नहीं दिया गया। हालांकि मोदी सरकार के पहले पांच सालों के दौरान सुषमा विदेश मंत्री के पद पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। इस बार के आम चुनाव के लिए सुषमा का कहना था कि खराब सेहत उन्हें चुनाव प्रचार और चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देता है।