मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। बता दें कि, उत्तरी मुंबई में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए आरे कॉलोनी में 2,600 से अधिक पेड़ों की कटाई का आदेश जारी कर दिया गया था, जिसका भारी विरोध हो रहा था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि आरे कॉलोनी में और पेड़ न काटें। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को आश्वासन दिया कि इसके बाद कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।
Supreme Court asks Maharashtra Government to not cut more trees at #Aarey Colony. Solicitor General Tushar Mehta appearing for Maharashtra Government assures the bench that henceforth no trees will be cut. pic.twitter.com/oLSzCZsXcY
— ANI (@ANI) October 7, 2019
बता दें कि छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरे के पेड़ों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। छात्रों ने CJI को इस मामले में एक चिट्ठी लिखी जिसमें कहा गया था कि उन्हें अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मामले की तुरंत सुनवाई करने चाहिए और पेड़ों के कटने पर रोक लगानी चाहिए। छात्रों की अपील में कहा गया है कि 4 अक्टूबर से ग़ैर क़ानूनी तरीके से पेड़ों को काटा जा रहा है और शांतिपूर्ण विरोध करने वालों को हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए दायर चार याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने शनिवार को भी पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद आरे कॉलोनी में आधी रात में ही पेड़ों की कटाई शुरू हो गयी थी। पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं।
इस बीच, मुंबई की एक अदालत ने रविवार को पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत दे दी। प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी करने और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में बाधा डालने के लिए गिरफ्तार किया गया था।