पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार (25 जून) को 1975 में लगाए गए आपातकाल के 34 साल पूरे होने के मौके पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने कहा कि देश पिछले पांच साल में ‘सुपर आपातकाल’ से गुजर रहा है। बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आज ही के दिन आपातकाल लगाया था जो 21 मार्च 1977 तक प्रभावी रहा था।
ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘आज 1975 में घोषित आपातकाल की वर्षगांठ है। पिछले पांच साल से देश ‘सुपर आपातकाल’ से गुजर रहा है। हमें अपने इतिहास से सबक सीखना चाहिए और देश में लोकतांत्रिक ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करना चाहिए।’’
Today is the anniversary of the #Emergency declared in 1975. For the last five years, the country went through a ‘Super Emergency’. We must learn our lessons from history and fight to safeguard the democratic institutions in the country
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 25, 2019
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल की 44वीं बरसी के मौके पर इसका विरोध करने वाले सभी नेताओं और नागरिकों को नमन किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत उन सभी महान लोगों को सलाम करता है जिन्होंने आपातकाल का दृढ़तापूर्वक विरोध किया। भारत की लोकतांत्रिक प्रकृति ने एक सत्तावादी मानसिकता पर महत्वपूर्ण विजय प्राप्त की।’’ इसके साथ उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया।
India salutes all those greats who fiercely and fearlessly resisted the Emergency.
India’s democratic ethos successfully prevailed over an authoritarian mindset. pic.twitter.com/vUS6HYPbT5
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आपातकाल का विरोध करने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, ‘‘1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गयी। देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए। लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं। मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं।’’
1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गयी। देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए। लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं।
मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं। pic.twitter.com/XzRc4vEdJS
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2019
इसके अलावा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा करार देते हुए ट्वीट किया, ‘‘वर्ष 1975 में, आज के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा की गयी आपातकाल की घोषणा, भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है। मैं नमन करता हूं, उन सत्याग्रहियों को जिन्होंने माबूती से इस अंधकाल में लोकतंत्र की आग को जलाये रखा था।’’
वर्ष 1975 में, आज के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा की गयी आपातकाल की घोषणा, भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है।
मैं नमन करता हूँ, उन सत्याग्रहियों को जिन्होंने मज़बूती से इस अंधकाल में लोकतंत्र की आग को जलाये रखा था। pic.twitter.com/W9F8Q27ikE— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2019
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को लोगों से देश में आपातकाल जैसी स्थिति दोबारा ना उत्पन्न होने देने का संकल्प लेने का आह्वान किया। AAP प्रमुख ने ट्वीट किया, ”आज ही के दिन 34 वर्ष पहले भारत तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लोकतंत्र पर किए सबसे बड़े हमले का साक्षी बना था। आएं हम इस महान लोकतंत्र के संविधान पर दोबारा ऐसा हमला ना होने देने का संकल्प लें।”
This very day 34 years ago India witnessed one of the biggest assault on its democracy with the imposition of emergency by the then Prime Minister.
Let us resolve never to allow repetition of subversion of the Constitution of this great democracy.— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 25, 2019
गौरतलब है कि आज से 44 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी जो कि 21 मार्च 1977 तक रहा था। इस दौरान इंदिरा सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को जेल में डाला जा रहा था। प्रेस पर कई तरह की बंदिशें लगा दी गईं थीं। भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कांग्रेस को इसी आपातकाल के कारण कोसते रहे हैं।