भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए अपनी पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार (23 दिसंबर) को आरोप लगाया कि केंद्रीय सांख्यिकी संगठन यानी सीएसओ के वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव था कि वे जीडीपी के अच्छे आंकड़े दिखाएं जिससे ये दिखे कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था और जीडीपी ग्रोथ पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा। स्वामी ने इन आंकड़ों को फर्जी बताया है। नोटबंदी को लेकर अच्छे आंकड़े दिखाने का था दबाव
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि कृपया जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं, वे सब फर्जी हैं। मैं आपसे कह रहा हूं, क्योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि हाल रही में मैं केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (सांख्यिकी मंत्री) के साथ वहां गया था, उन्होंने सीएसओ के अधिकारी को बुलाया, क्योंकि नोटबंदी को लेकर अच्छे आंकड़े दिखाने का दबाव था। इसलिए उन्होंने ऐसे आंकड़े जारी किए, जिससे दिखे कि नोटबंदी का कोई असर नहीं था।
अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का असर पड़ा
बकौल स्वामी, मैं नर्वस महसूस कर रहा था, क्योंकि मैं जानता था कि असर तो हुआ है। इसलिए मैंने सीएसओ के डायरेक्टर से पूछा, “आपने इस तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े कैसे जारी किए, जबकि नोटबंदी तो नवंबर (2016) को हुई थी और आपने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट फरवरी 2017 में प्रकाशित की, यानी प्रकाशन के लिए ये रिपोर्ट कम से कम तीन हफ्ते पहले गई होगी। तो आपने जनवरी 2017 में रिपोर्ट पेश की और आपने बता दिया कि नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ। आपने इसकी गणना कैसे की?”
मूडी और फिच की रिपोर्ट्स पर यकीन मत कीजिए
बीजेपी नेता ने रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि, “इन मूडी और फिच की रिपोर्ट्स पर यकीन मत कीजिए। आप उन्हें पैसे देकर किसी भी तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करवा सकते हैं।” आपको बता दें कि मूडी ने हाल ही में भारत की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाई थी। रेटिंग में ये इजाफा 13 साल बाद किया गया था। जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत की रैंकिंग में सुधार को मोदी सरकार के सुधारों का नतीजा बताया था।