“10 करोड़ भारतीयों को जान देने के लिए तैयार रहना चाहिए, पाकिस्तान ने परमाणु बेम छोड़ा तो हम फिर भी 110 करोड़ की आबादी के साथ बचेंगे”

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भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमनियन स्वामी ने शुक्रवार को एक सनसनीखेज़ बयान दिया जिसमें उन्होने भारत सरकार से आग्रह किया कि पाकिस्तान के परमाणु ताकत को अनुचित महत्व ना दें और पड़ोसी देश पर हमला करें चाहे इसकी वजह से परमाणु युद्ध ही क्यों ना शुरू हो जाए।

एबीपी न्यूज़ के प्रोग्राम प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वामी ने कहा,’ परमाणु युध्द की स्थिति में पाकिस्तान के परमाणु बम हमले से ज्यादा से ज्यादा 10 करोड़ लोगों की जान जा सकती है, हम फिर भी 110 करोड़ की आबादी के साथ बचेंगे, लेकिन हमारे न्यूक्लियर बम पाकिस्तान को पूरी तरह मिटा सकते हैं।’

लेकिन स्वामी से पूछा गया की क्या वो 10 करोड़ लोगों को मारे जाने के लिए तैयार रहने के लिए कह रहे हैं तो स्वामी ने कहा,’ मुझे लगता है परमाणु युध्द की संभावना बहुत कम है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो 10 करोड़ लोगों को अपनी जान देने केलिए तैयार रहना चाहिए।’

www.jantakareporter.com के एडिटर-इन-चीफ रिफत जावेद ने स्वामी से पूछा कि आपके बयान संवेदनशीलता से रहित होते है और तर्क से पारी होते हैं तो इस बात को पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूरी तरह नकार दिया।

रिफत ने स्वामी को याद दिलाया कि कैसे एक बार उन्होने अटल बिहारी वाजपेयी को नशे में चूर बताया था और सोनिया गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जयललिता, बसपा प्रमुख मायावती इन तीनों महिलाओं की तुलना लक्ष्मी,सरस्वती, दुर्गा से की थी।

इसपर स्वामी का कहना था, “मैंने कभी वाजपेयी को नशे में नही बुलाया और ना ही सोनिया गांधी,मायावती, जयललिता की तुलना लक्ष्मी,सरस्वती, दुर्गा से की थी मैंने ये समानता अपने 1999 में केंद्र में एक वैकल्पिक सरकार बनाने के अपने प्रयासों के संदर्भ में की थी।

स्वामी के भड़काऊ बयानों को अक्सर उनके विरोधियों द्वारा मूर्खतापूर्ण करार दिया जाता है ,जिसकी ख़मयाज़ा उन्हे अपनी हार्वर्ड की नौकरी छोड़ कर चुकाना पड़ा थी। उनके द्वारा लिखे गए भारतीय अखबार में मुसलमानों के उपर लेख लिखने पर अमेरिकी विश्वविद्यालय द्वारा अभूतपूर्व क्रोध का सामना करना पड़ा था।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें नौकरी से हटाये जाने के प्रश्न पर स्वामी ने रिफत को एक वामपंथी बताया और कहा कि उन्हें उस समय भी विद्यार्थियों का समर्थन था।

2011 में एक भारतीय अख़बार में अपने लेख में स्वामी ने कहा था कि मस्जिदों और गिरजाघरों में भगवान् नहीं रहते हैं और भगवान् का वास सिर्फ मंदिरों में होता है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के 400 विद्ध्यार्थियों ने शिकायत कर के स्वामी को बर्खास्त करने की मांग की थी।

उड़ी हमले पर जिसमें 18 भारतीय सैनिक मारे गए प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा, विशेष बलों ने पहले से ही नियंत्रण रेखा को पार किया था और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश -ए- मुहम्मद के मुख्यालय के पास पहुंच गए थे।

दिल्ली की राजनीति के बारे में बोलते हुए सुब्रमणयम स्वामी ने कहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी नजीब जंग के बीच चल रही लड़ाई में एक अंपायर के रूप में काम कर रहे है।

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