कश्मीर में पत्थरबाजी में शामिल 4500 से अधिक युवाओं के खिलाफ केस वापसी का फैसला

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जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली और कश्मीरियों का दिल जीतने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार से सुरक्षा बलों पर पहली बार पत्थरबाजी करने के आरोपियों को आम माफी देने को कहा है।

Photo: File Photo

अब तक पत्थरबाजों के खिलाफ 11,500 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 4,500 केस युवाओं के खिलाफ दर्ज किए गए, जो पहली बार पत्थरबाजी में शामिल पाए गए थे।

पीटीआई के मुताबिक, इस बाबत केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच चर्चा हुई है। सरकार का यह कदम घाटी के लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाना है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि घाटी में हजारों युवाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं और हम सद्भावना के आधार पर पहली बार पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने जा रहे हैं।

घाटी के लोगों का दिल जीतने की दिशा में यह बड़ा कदम होगा। जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के तौर-तरीकों और स्थानीय लोगों की इच्छाओं को टटोलने के लिए केंद्र सरकार ने इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को विशेष वार्ताकार नियुक्त किया था।

हाल ही में फुटबॉलर से आतंकी बनने वाले माजिद खान की घर वापसी पर राज्य पुलिस ने उसके खिलाफ केस नहीं दर्ज करने का फैसला लिया था। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार से किशोरों के मामलों में सहानुभूति दिखाने और उनको जेल से सुधार गृह में हस्तांतरित करने को कहा था।

अधिकारियों ने बताया कि इसके असर का मूल्यांकन करने के बाद केंद्र बाकी बचे पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज मामलों की भी समीक्षा करेगा। इस प्रक्रिया में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को भी विश्वास में लिया जाएगा।

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