देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘स्टैचू आॅफ यूनिटी’ देश को समर्पित कर चुके हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार (31 अक्टूबर) को गुजरात के नर्मदा जिले में केवडि़या स्थित सरदार सरोवर बांध से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर साधु द्वीप पर बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया। इसके लिए प्रधानमंत्री मंगलवार रात अहमदाबाद पहुंचे थे।
File PHoto: PMOसरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में बन रही ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है। यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है। यह चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध की प्रतिमा (153 मीटर) से भी ऊंची है और न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है। अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई 93 मीटर है।
इस मूर्ति का निर्माण 2,989 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। कांसे की परत चढ़ाने के एक आशिंक कार्य को छोड़ कर इसके निर्माण का सारा काम देश में किया गया है। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया।
इसका काम बुनियादी ढांचे से जुड़ी दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को अक्टूबर 2014 में सौंपा गया था। काम की शुरूआत अप्रैल 2015 में हुई थी। इसमें 70 हजार टन सीमेंट और लगभग 24000 टन स्टील, तथा 1700 टन तांबा और इतना ही कांसा लगा है। स्टैच्यू आफ यूनिटी जहां राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक है वहीं यह भारत के इंजीनियरिंग कौशल तथा परियोजना प्रबंधन क्षमताओं का सम्मान भी है।