कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की गति को लेकर चिंता प्रकट करते हुए गुरुवार को कहा कि महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तीव्रता से तैयारी करने और विशेषकर बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की डिजिटल बैठक में यह टिप्पणी की।
फाइल फोटोकांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महासचिवों और प्रभारियों की बैठक को संबोधित किया। टीकाकरण की गति को लेकर उन्होंने गहरी चिंता प्रकट की। कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर को लेकर तैयारी करने और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर उन्होंने अधिक जोर दिया।’’
सोनिया गांधी की अगुवाई में चल रही इस बैठक में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी।
Congress President expresses anguish and dismay at the unprecedented rise in prices of edible oil, pulses & household goods.
Smt. Sonia Gandhi also conveys the pain of common man from back breaking rise in price of Petrol-Diesel & profiteering from daily increase in prices. https://t.co/8D8onGvijC
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 24, 2021
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस डिजिटल बैठक में कांग्रेस के नेता पार्टी के प्रस्तावित संपर्क अभियान पर भी चर्चा करेंगे। इस बैठक में पेट्रोल-डीजल और जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के संदर्भ में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। बैठक में कोविड के मौजूदा हालात और आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा होगी। इस बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों की भी बैठक बुलाई जाएगी।
सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ यह बैठक संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुलाई है। मॉनसून सत्र जुलाई में हो सकता है। कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से सरकार पर लगातार हमले कर रही है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी इससे अवगत हैं कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों को असहनीय बोझ का सामना करना पड़ रहा है। यह रेखांकित करने के लिए आंदोलन किए गए हैं कि इस बढ़ोतरी का किसानों और करोड़ों आम परिवारों पर किस तरह असर पड़ रहा है।’’
सोनिया ने दावा किया, ‘‘ईंधन के साथ ही कई जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण लोगों को व्यापक स्तर पर परेशानी हो रही है। यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब अप्रत्याशित संख्या में रोजगार खत्म हो रहे हैं, जब बेरोजगारी बढ़ रही है और आर्थिक स्थिति का पटरी पर आना अभी वास्तविकता से दूर दिखाई देता है।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)