उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार केस की जांच करने वाले एसआईटी का नेतृत्व कर रहे उपेंद्र अग्रवाल समेत छह आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। अभी तक डीजीपी मुख्यालय से जुड़े रहे अग्रवाल को डीआईजी देवीपाटन रेंज भेजा गया है। बता दें कि, राज्य सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था, जिसमें चार किसानों और एक स्थानिय पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
हालांकि, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल ने कहा कि उपेंद्र अग्रवाल एसआईटी के प्रमुख बने रहेंगे। शुक्रवार को ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में तीन इंस्पेक्टर जनरल रैंक के और तीन डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल रैंक के हैं। अन्य का तबादला डीआईजी देवीपाटन, राकेश सिंह को उसी पद पर प्रयागराज में स्थानांतरित किया गया है, जबकि आईजी प्रयागराज के.पी. सिंह नए आईजी, अयोध्या रेंज होंगे।
अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) संजीव गुप्ता को डीजीपी मुख्यालय में आईजी कानून व्यवस्था और राजेश मोदक को नया आईजी बस्ती रेंज बनाया गया है। बस्ती रेंज के आईजी अनिल कुमार राय को इसी पद पर प्रोविंशियल आम्र्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) में स्थानांतरित किया गया है।
गौरतलब है कि, किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
इन वाहनों के काफिले से एक कार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की भी थी। मिश्रा के बेटे आशीष को घटना से संबंधित हत्या में नामित होने के पांच दिन बाद 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। आशीष की गिरफ्तारी 12 घंटे की पुलिस पूछताछ के बाद हुई थी। मारे गए किसानों के परिवारों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि आशीष उस लीड एसयूवी के अंदर था, जिसने किसानों को कुचल दिया था।
इस हिंसा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक और चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। (इंपुट: IANS के साथ)