गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने कहा है कि सरकार को रीयल एस्टेट क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। हालांकि, उन्होंने नोटबंदी को सकारात्मक कदम बताया।
उल्लेखनीय है कि कालाधन को आमतौर पर कालेधन का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता रहा है।
गोदरेज ने कारोबार सुगमता बढ़ाने, चुनाव खर्च सरकार की तरफ से दिये जाने और भ्रष्टाचार दूर करने के लिये जीएसटी को जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया।
यह पूछे जाने पर कि रीयल एस्टेट और सोने में निवेश को कालेधन का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है, क्या सरकार को इसमें कुछ करना चाहिये? जवाब में उन्होंने कहा, नहीं, कुछ नहीं।
गोदरेज ने पीटीआई- को एक साक्षात्कार में कहा, आप कारोबार में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।
भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, रीयल एस्टेट क्षेत्र में यदि मंजूरी जल्द से जल्द दे दी जाये, सरकार उन्हें रोके नहीं, उच्च न्यायालय भी इन मामलों में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करें, वह नहीं कहें कि यह नहीं हो सकता वह नहीं किया जा सकता … आदि … आदि … इसलिये इस मामले में यदि कारोबार सुगमता बढ़ती है तो रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुधार होगा, यह बहुत अच्छा होगा।
गोदरेज समूह की अनुषंगी गोदरेज प्रापर्टीज रीयल एस्टेट कारोबार चलाती है। गोदरेज ने कहा, हमें यह याद रखना चाहिये कि हम रीयल एस्टेट क्षेत्र में जिस कालेधन की बात करते हैं वह मुख्यतौर पर संपत्तियों की दुबारा बिक्री के कारोबार में है। जितने भी बड़े डेवलपर हैं वह स्पष्ट तौर पर नकद में राशि नहीं लेते हैं, हो सकता है कुछ छोटे डेवलपर ऐसा करते हों।
गोदरेज ने नोटबंदी को सकारात्मक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस पहल से
नकारात्मक चीजें जितना समझा जा रहा था उससे कम हुई है जबकि सकारात्क बहुत तेजी से इसमें आयेगा।