उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका उस समय लगा, जब पूर्व सांसद अनु टंडन ने गुरुवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अनु ने ट्विटर पर जारी एक बयान में अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने की जानकारी दी। प्रेस विज्ञप्ति में, टंडन ने अपने निर्णय के लिए राज्य नेतृत्व पर आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात कर मामले पर चर्चा की थी, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में, पूर्व सांसद अनु टंडन ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए 15 साल पार्टी कार्यकर्ता के रूप में और उन्नाव के सांसद के तौर पर भी काम किया। उन्होंने कहा, “2019 में चुनाव हारना उतना कष्टदायक नहीं था, जितना कि यह जानना कि प्रदेश में पार्टी खत्म हो रही है और पार्टी का हाई कमांड स्थिति को संभालने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। राज्य नेतृत्व केवल सोशल मीडिया प्रबंधन और खुद की ब्रांडिंग को लेकर चिंतित है।”
उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस में बनी रही, क्योंकि मेरा मानना था कि चीजें अच्छी होंगी और एक नया नेतृत्व सामने आएगा। मैंने कई नेताओं से बातचीत की और उन्होंने मेरी भावनाओं को साझा किया।” टंडन ने कहा कि वह भविष्य में किसी भी तरह के निर्णय लेने को लेकर अपने समर्थकों से बातचीत करेंगी।
Today, I have submitted my resignation from the Indian National Congress. My statement with regard to this is being shared by me. Need love and blessings of all my well wishers!? pic.twitter.com/iyArB2fNPf
— Annu Tandon (@AnnuTandonUnnao) October 29, 2020
बता दें कि, टंडन का इस्तीफा कांग्रेस के लिए इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि उन्नाव के बांगरमऊ में उपचुनाव में महज चार दिन बचे हैं। सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बांगरमऊ ही एकमात्र सीट है जहां कांग्रेस कुछ मजबूत नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि अनु 2009 में उन्नाव से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीती थीं, हालांकि, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। (इंपुट: आईएएनएस और भाषा के साथ)