महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री पद पर अड़ी शिवसेना, BJP से अंतरिम सरकार के नियम का दुरुपयोग नहीं करने को कहा

0

शिवसेना महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपनी मांग पर शुक्रवार को भी अड़ी रही और उसने भाजपा से राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए “कार्यवाहक” सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करने को कहा। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना प्रवक्ता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल (नौ नवंबर को) समाप्त हो रहा है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, “भाजपा को कार्यवाहक प्रावधान को नहीं खींचना और पर्दे के पीछे से काम नहीं करना चाहिए। हमें बुरा नहीं लगेगा अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करती है और सरकार बनाती है।”

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि शिवसेना “जल्द” ही राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मिलने वाली है। पार्टी सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी और ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिए जाने की मांग कर रही है। राउत ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, राज्यपाल राज्य के सर्वेसर्वा होंगे।

केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी के मुंबई दौरे और सरकार गठन पर जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए ‘मातोश्री’ (ठाकरे परिवार का आवास) जाने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राउत ने कहा, “गडकरी मुंबई के निवासी हैं। उनका यहां आना कोई बड़ी बात नहीं है। वह अपने घर जाएंगे। क्या उन्होंने आपको बताया कि वह शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के संबंध में पत्र ला रहे हैं?”

भगवा सहयोगियों के बीच सत्ता को लेकर जारी खींचतान में हस्तक्षेप करने के मकसद से दक्षिणपंथी कार्यकर्ता संभाजी भिडे के गुरुवार को मातोश्री आने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, “यह शिवसेना और भाजपा के बीच का मामला है। इसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।” कांग्रेस विधायकों को राज्य से बाहर भेजे जाने की खबर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राउत ने कहा, “डर क्यों है? कर्नाटक मॉडल महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा।”

गौरतलब है कि, राज्य में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों में 105 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी भाजपा और 56 सीटें जीतने वाली उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अब तक साथ-साथ या अलग-अलग, सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। ‘महायुती’ के बैनर तले चुनाव लड़ने वाले ये दोनों दल चुनाव नतीजे आने के बाद से मुख्यमंत्री पद साझा किए जाने को लेकर उलझे हुए हैं। प्रदेश में सरकार गठन को लेकर गतिरोध अभी बना हुआ है।

बता दें कि, हालिया चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल पाया है। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिये हाल में हुए चुनाव में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं। राकांपा ने 54 सीटें जीतीं और कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई हैं। महाराष्ट्र की 13वीं विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को पूरा हो रहा है।

Previous articleSPG cover of Nehru-Gandhi family to be removed, Congress calls it political vendetta
Next articleकेंद्र सरकार ने गांधी परिवार के सभी सदस्यों की एसपीजी सुरक्षा हटाई, अब दी जाएगी Z+सुरक्षा