5 मानवाधिकार कार्यकताओं की गिरफ्तारी का मामला: शिवसेना ने पुलिस के दावे को बताया ‘मूर्खतापूर्ण’, कहा- माओवादी नहीं जनता पलटती है सरकारें

0

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद पुणे पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (3 सितंबर) को सवाल उठाए हैं। सोमवार को हाई कोर्ट ने सवाल किया कि जब यह मामला कोर्ट में था तो महाराष्ट्र पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों किया? आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को गिरफ्तार सभी पांच मानवाधिकार कार्यकताओं को छह सितंबर तक के लिए घर में नजरबंद (हाउस अरेस्ट) रखने का आदेश दिया था।

इस बीच केंद्र तथा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन या एनडीए/राजग की घटक शिवसेना ने महाराष्ट्र पुलिस के इस दावे को ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ बताया कि गिरफ्तार किए गए पांच वामपंथी कार्यकर्ता मोदी सरकार को पलटने की कथित माओवादी साजिश में शामिल थे। शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर भी सवालिया निशान लगाया और कहा कि उनकी सुरक्षा मजबूत है और उस संबंध में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना के मुखपत्र सामना में सोमवार (3 सितंबर) को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, ‘‘सरकार को यह कहना बंद करना चाहिए कि ये तथाकथित माओवादी केंद्र की मौजूदा सरकार को पलट सकते हैं। यह मूर्खतापूर्ण बयान है।’’ मराठी दैनिक में कहा गया है कि मनमोहन सिंह की सरकार देश की जनता ने हटायी थी न कि माओवादियों या नक्सलियों ने। आज सरकारें लोकतांत्रिक तरीके से ही हटाई जा सकती हैं।

शिवसेना ने कहा कि पुलिस को ऐेसे दावे करते समय संयम बरतना चाहिए। पार्टी ने कहा कि अगर माओवादियों को सरकारें पलटने की क्षमता होती तो वे पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर में अपना नियंत्रण नहीं गंवाते। शिवसेना ने आगाह किया कि पुलिस को जीभ पर लगाम लगाकर काम करना चाहिए, अन्यथा मोदी और बीजेपी का एक बार फिर मजाक बनेगा।

पार्टी ने कहा कि एक और मुद्दा प्रधानमंत्री की सुरक्षा का है। मोदी की सुरक्षा काफी उच्च स्तर की है और इस संबंध में चिंता करने की जरूरत नहीं है। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी में निडरता थी। उस साहस ने उनके साथ घात किया। लेकिन मोदी इस तरह का साहस नहीं करेंगे।’’

इसमें माओवाद के प्रति सहानुभूति रखने वालों को भी निशाना बनाया गया है। इसके अलावा भगवा आतंकवाद संकल्पना के लिए पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री तथा कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर भी निशाना साधा गया है। पार्टी ने कहा कि नक्सलवाद कश्मीर के आतंकवादियों की तुलना में ज्यादा भयावह है और वह देश को अंदर से खोखला कर रहा है।

आपको बता दें कि पुणे पुलिस ने कई राज्यों में 28 अगस्त को प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापा मारा था और उनमें से पांच, वरवरा राव, वेरोन गोंजाल्विस, अरुण फेरारिया, सुधा भारद्वाज और गौतम नवालखा, को गिरफ्तार किया था। एल्गार परिषद की जांच को लेकर ये छापे मारे गये थे। इस परिषद की वजह से कथित रूप से अगले दिन कोरेगांव भीमा में हिंसा फैली थी।

Previous article…जब SP बेटी को DCP पिता ने गर्व से किया सैल्यूट, नजारा देखकर लोगों के चेहरे पर आई मुस्कान
Next articleMuslim journalist posts photo of son’s performance at Hindu festival Janmashtami, goes viral