पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद हालात का जायजा लेने के लिए कश्मीर जाने का प्रयास कर रहे राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं को राज्य प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी और कुछ देर बाद ही उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया था। ऐसे में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर भड़कते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि स्पष्ट है कि राहुल गांधी के लिए कश्मीर के दौरे का राज्यपाल का आमंत्रण संजीदा नहीं था।

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजादी और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाए हुए 20 दिन हो चुके हैं।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं और प्रेस को प्रशासनिक क्रूरता और जम्मू-कश्मीर के लोगों पर किये जा रहे बल के बर्बर प्रयोग का अहसास हुआ, जब हमने शनिवार को श्रीनगर जाने की कोशिश की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने इस ट्वीट के साथ शनिवार के घटनाक्रम का एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें दिखाई दे रहा है कि वह अधिकारियों को बताने का प्रयास कर रहे थे कि उन्हें राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आमंत्रण दिया था।
दरअसल, कुछ दिन पहले राहुल ने कहा था कि सरकार भले दावा कर रही हो लेकिन राज्य में स्थिति सामान्य नहीं है। उनके इस बयान पर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि उनका दौरा कराने के लिए वह एक विमान भेजेंगे।
वीडियो में दिख रहा है कि राहुल मीडिया से बात कर रहे हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिनिधिमंडल के साथ गए मीडियाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई।
It's been 20 days since the people of Jammu & Kashmir had their freedom & civil liberties curtailed. Leaders of the Opposition & the Press got a taste of the draconian administration & brute force unleashed on the people of J&K when we tried to visit Srinagar yesterday. pic.twitter.com/PLwakJM5W5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2019
विपक्ष के दौरे को अनुमति नहीं मिलने के एक दिन बाद रविवार को प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें श्रीनगर से आ रही उड़ान में एक महिला राहुल गांधी को वहां लोगों को हो रही परेशानियों के बारे में बता रही थीं। उन्होंने वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘‘कब तक यह चलता रहेगा? यह लाखों लोगों में एक हैं, जिन्हें चुप करा दिया गया और राष्ट्रवाद के नाम पर कुचल दिया गया।’’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘विपक्ष पर जो लोग इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं, कश्मीर में लोकतांत्रिक अधिकारों को ताक पर रखने से ज्यादा कुछ भी राजनीतिक या राष्ट्रदोह नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सबका कर्तव्य है कि हम इसके खिलाफ आवाज उठाएं। हम ऐसा करने से नहीं रूकेंगे।’’
How long is this going to continue?This is one out of millions of people who are being silenced and crushed in the name of “Nationalism”.
For those who accuse the opposition of ‘politicising’ this issue: https://t.co/IMLmnTtbLb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2019
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि स्पष्ट है कि राहुल गांधी के लिए कश्मीर के दौरे का राज्यपाल का आमंत्रण संजीदा नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कोई हैरानी नहीं हुई जब संसद में कश्मीर पर चर्चा के वक्त सर्वदलीय प्रतिनिधमंडल को अनुमति देने को लेकर कोई जवाब नहीं मिला। सरकार इस बारे में साफ नहीं करती की वह क्या कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति ‘‘सामान्य’’ नहीं है। शशि थरूर ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट किया था जिसमें उन्हें एयरपोर्ट पर रोके जाने का वीडियो था।
Quite clear that the Governor’s invitation to @rahulGandhi to visit Kashmir was not sincere. No wonder my proposal during the #Kashmir debate in Parliament to permit an all-party delegation to visit, got no reply. Govt can’t be open about what it’s doing. #DemocracyDiesInDarkness https://t.co/KIU1iBJi9u
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 25, 2019
बता दें कि शनिवार को जब राहुल गांधी घाटी जाने की कोशिश कर रहे थे, उस समय उनके साथ माकपा, भाकपा, द्रमुक, राकांपा, जद(एस), राजद, एलजेडी और तृणमूल कांग्रेस के नेता भी थे। उनके साथ कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और के. सी. वेणुगोपाल, माकपा नेता सीताराम येचुरी, तिरुची शिवा (द्रमुक), शरद यादव (एलजेडी), दिनेश त्रिवेदी (तृणमूल कांग्रेस), डी राजा (भाकपा), मजीद मेनन (राकांपा), मनोज झा (राजद) और जद (एस) के डी कुपेन्द्र रेड्डी थे। (इंपुट: भाषा के साथ)