वैक्सीन की कीमतों में वृद्धि पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जारी किया बयान, अभिनेता फरहान अख्तर और सोनू सूद ने दामों में वृद्धि को लेकर सवाल था उठाया

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भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन की कीमतों में वृद्धि के बाद एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि वह राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों से अधिक शुल्क क्यों ले रहा है। बता दें कि, अदार पूनावाला की अगुवाई वाली कंपनी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर और सोनू सूद ने वैक्सीन के दामों में वृद्धि को लेकर सवाल उठाया था।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया

दरअसल, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविडशील्ड वैक्सीन को लेकर रेट चार्ट जारी किया है। कंपनी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोविशील्ड राज्यों को 400 रुपए में, प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपए और केंद्र को 150 रुपए में दिया जाएगा। इस रेट लिस्ट पर बॉलीवुड एक्टर और पिछले साल लगे लॉकडाउन से लेकर अबतक गरीबों, प्रवासी कामगारों और मजदूरों के मसीहा बने सोनू सूद और अभिनेता फरहान अख्तर ने आपत्ति जताई।

फरहान अख्तर ने एक अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की रेट लिस्ट पर सवाल उठाए हैं। फरहान अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, ”ये कहने के बावजूद कि एक वैक्सीन के 150 रुपये लेने पर भी फायदा हो रहा है, हमें अन्य किसी भी देश से ज्यादा दाम में वैक्सीन लेनी होगी। ऐसा क्यों है सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया हमें बताएं।”

वहीं, इससे पहले एक अन्य ट्वीट में फरहान अख्तर ने लिखा था, “सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के प्रवक्ता हमारी ये समझने में मदद कर सकते हैं कि राज्यों को केंद्र सरकार को दिए जाने वाली कीमत पर कोविशील्ड वैक्सीन क्यों नहीं देनी चाहिए? अगर कोई दिक्कत है तो एक उचित वजह के साथ बयान जारी करें। कोई इस बारे में लिंक शेयर कर सकता है। धन्यवाद।”

सोनू सूद ने भी इस खबर का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया और कहा कि इसे निशुल्क मुहैया करवाया जाना चाहिए। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हर किसी को ये वैक्सीन फ्री में दी जानी चाहिए। इसकी कीमत को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। बिजनेसमैन और व्यक्ति जो इसे अफोर्ड कर सकते हैं, वह आगे आए और हर किसी को वैक्सीन दिलवाने में मदद करें। धंधा फिर कभी और कर लेंगे।”

एसआईआई ने कहा है कि वैक्सीन की केवल सीमित मात्रा ही निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति डोज में दी जाएगी। कंपनी ने कहा है कि 600 रुपये में बेचे जाने के बाद भी वैक्सीन की कीमत कोविड-19 और दूसरी जानलेवा खतरनाक बीमारियों के इलाज की तुलना में बहुत कम है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि भारत समेत दुनिया भर में हो रहे टीकाकरण अभियान में सरकारें वैक्सीन को बहुत कम कीमत पर खरीद रही हैं।

इसमें आगे कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारत में वैक्सीन की तुलना गलत है। कहा गया है कि शुरुआत में वैक्सीन की कीमत वैश्विक स्तर पर बड़ी कम संख्या में रखी गई थी क्योंकि बहुत सारे देशों ने वैक्सीन निर्माण के लिए एडवांस फंडिंग का जोखिम लिया था। बयान में वर्तमान स्थिति बहुत भयानक बताते हुए कहा गया है कि एसआईआई वैक्सीन की केवल एक सीमित मात्रा ही निजी अस्पतालों को 600 रुपये में दी जाएगी।

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