उत्तर प्रदेश की पुलिस इन दिनों महिलाओं की सेफ्टी को लेकर स्कूली छात्राओं के लिए एक अभियान चला रही है, जिसमें छात्राओं को वीमेन हेल्पलाइन के बारे में बताया जाता है। इसी के तहत वे बाराबंकी के एक स्कूल में पहुंचे थे। बाराबंकी के आनंद भवन विद्यालय में आयोजित बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) आरएस गौतम छात्राओं को सुरक्षा के प्रति सचेत करते हुए टोल फ्री नंबरों की जानकारी दे रहे थे। तभी ग्यारहवीं क्लास की एक छात्रा ने उन्नाव दुष्कर्म केस को लेकर पुलिस अधिकारी से कड़े सवाल पूछ लिए।
छात्रा के सवाल से पुलिस के अधिकारी हैरत में रह गए। छात्रा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से उन्नाव केस का हवाला देते हुए महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर सवाल पूछना 11वीं की छात्रा का भारी पड़ गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि डर के चलते परिजन उसे स्कूल ही नहीं भेज रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा के माता-पिता का कहना है कि वे सोमवार को स्कूल के प्रिंसिपल से मुलाकात करेंगे और उसके बाद ही वे फैसला करेंगे कि उसे दोबारा से स्कूल कब भेजा जाए। लड़की के पिता का कहना है कि मेरी बेटी अभी छोटी और भोली है। जो कुछ उसने अखबारों में पढ़ा और टेलीविजन पर देखा, उसने बोल दिया। उसने अपनी बात काफी अच्छे तरीके से रखी और स्कूल के बाकी बच्चों को उस पर गर्व है।
उन्नाव की रेप पीड़िता के साथ जो हुआ, उससे यूपी की लड़कियाँ कितनी डरी हुई है.इस वीडियो से समझिए.बाराबंकी के स्कूल में पुलिस जागरूकता के लिए गई तो एक लड़की बोली-यहाँ तो एक लड़की की शिकायत पर उसका रेप हुआ, परिवार को एक्सीडेंट के बहाने मार दिया गया @ABPNews @Uppolice pic.twitter.com/xigpUbs63T
— पंकज झा (@pankajjha_) July 31, 2019
छात्रा ने सवाल किया था कि, ‘सर जैसा कि आपने कहा कि हमें डरना नहीं चाहिए और आवाज उठानी चाहिए, विरोध करना चाहिए। तो सर मेरा यह सवाल था कि अभी थोड़े दिन पहले लखनऊ में एक 18 साल की लड़की के साथ बीजेपी नेता ने रेप किया और फिर उसके पिता कि एक्सीडेंटली मौत हो गई। पर यह सबको पता है कि उसके पिता की जो मौत हुई वह ऐक्सिडेंट नहीं था।
छात्रा ने आगे कहा, इसके बाद रेप पीड़िता लड़की की गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मार दिया गया। हर किसी को पता है कि ये कोई एक्सीडेंट की घटना नहीं है। ट्रक की नंबर प्लेट को काले रंग से छुपाया गया था। मुनीबा ने कहा कि सामने वाला अगर साधारण व्यक्ति हो तो विरोध किया जा सकता है, लेकिन अगर वह एक नेता है या पावरफुल व्यक्ति हो तब क्या करना चाहिए? हमें पता है कि इस विरोध पर किसी तरह का एक्शन नहीं लिया जाएगा और एक्शन लिया भी गया तो किसी काम का नहीं होगा। जैसे कि अभी वो लड़की अस्पताल में बहुत ही गंभीर हालत में है।
छात्रा ने आगे कहा कि जैसा हमने निर्भया के मामले में देखा। हम विरोध जताते हैं तो क्या गारंटी है कि हमें इंसाफ मिलेगा? क्या गारंटी है कि मैं सेफ रहूंगी? क्या गारंटी है कि मेरे साथ कुछ नहीं होगा? हालांकि, छात्रा के सवाल का पुलिस अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने महज यह कहा कि टोल फ्री नंबर पर फोन करने वाली हर शिकायतकर्ता की पूरी मदद की जाएगी।