हापुड़ मॉब लिंचिंग मामले में आगे की जांच करने का निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

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सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के हापुड़ भीड़ हत्या मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को आगे की जांच करने का निर्देश देने से मंगलवार (28 मई) को इनकार कर दिया।

file photo

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा कि मांस निर्यातक 45 वर्षीय कासिम कुरैशी की हत्या मामले में आगे की जांच करने और पूरक आरोप-पत्र दायर करने के लिए राज्य पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर फैसला निचली अदालत लेगी।

पीठ मृतक के रिश्तेदार समीउद्दीन की ओर से दायर नयी अंतरिम याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में कहा गया है कि मीट निर्यातक के दोनों भाइयों की तरफ से हापुड़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए बयानों में हुए खुलासों के मद्देनजर आगे जांच की जरूरत है।

याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए पीठ ने समीउद्दीन से निचली अदालत का रुख करने को कहा जो कानून के मुताबिक फैसला लेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उसने हापुड़ भीड़ हत्या मामले में जांच पर नयी स्थिति रिपोर्ट दायर की है।

अदालत ने आठ अप्रैल को राज्य सरकार को इस मामले में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा था जिसमें पिछले साल जून में गोरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी और अन्य के साथ बुरी तरह मारपीट की गई थी।

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जून 2018 को 45 वर्षीय एक मीट व्यवसायी क़ासिम क़ुरैशी की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी, जबकि 65 साल के समीउद्दीन जो पेशे से किसान थे उन्हें पीट-पीटकर घायल कर दिया गया था।

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