भीमा-कोरगांव हिंसा के आरोपी हिंदूवादी नेता संभाजी भिडे का विवादित बयान, बोले- ‘मेरे बगीचे के आम खाने वाली महिलाओं ने बेटों को दिया जन्म’, छिड़ा विवाद

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भीमा-कोरगांव हिंसा के आरोपी हिंदूवादी नेता संभाजी भिडे ने बेहद विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि उनके बाग के आम खाने के बाद बहुत से दंपत्ति माता-पिता बने हैं। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया है कि अगर कोई चाहे तो उनके बाग के आम बेटा पैदा कराने में भी मदद करते हैं। भिडे ने दावा किया है कि उनके बगीचे के आम खाने के बाद कई दपंतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है।

PHOTO: DNA India

भीमा-कोरगांव हिंसा के बाद चर्चा में आए भिडे इस टिप्पणी से विवाद उत्पन्न हो गया है और विभिन्न तबकों ने उनकी आलोचना की है। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक भिडे ने सोमवार (11 जून) को नासिक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आम शक्तिशाली और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। मेरे बगीचे के आम खाने वाली कुछ महिलाओं ने बेटों को जन्म दिया।’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने उनकी टिप्पणी की निंदा की और अंधविश्वास विरोधी एक संगठन ने मांग की कि भिडे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। सुले ने कहा कि भिडे की टिप्पणी सुनने के बाद वह एक मां और महिला के रूप में आहत हुई हैं। उन्होंने पुणे में कहा, ‘किसी भी महिला के लिए मां बनना और लड़के या लड़की को जन्म देना गर्व की बात होती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के व्यक्तिगत मामले पर समाज में तुच्छ स्तर की बात हो रही है।’

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रदेश सचिव मिलिन्द देशमुख ने कहा कि भिडे का बयान अंधविश्वास और काला जादू रोधी कानून के तहत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अमरावती जिले के अचलपुर से निर्दलीय विधायक बच्चू काडू ने भी भिडे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की।

भाषण के दौरान भिडे ने रामायण और महाभारत से कई उदाहरण दिए और वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक प्रणाली पर हमला बोला। आरएसएस के पूर्व कार्यकर्ता भिडे शिव प्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के प्रमुख हैं। वह 1 जनवरी को हुई भीमा कोरेगांव जातीय हिंसा से संबंधित मामले में आरोपी हैं।

आपको बता दें कि इसी साल पूणे के भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी को हिंसा हुई थी। इस कार्यक्रम का आयोजन शहर के वाडा में गत 31 दिसंबर को भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था। इस हिंसा में शिव प्रतिष्ठान संगठन के प्रमुख व हिंदूवादी नेता संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एकबोटे को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक संभाजी भिड़े गिरफ्त से बाहर है।

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