सुप्रीम कोर्ट ने सहारा, बिड़ला समूह पर हुई छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर पीएम मोदी पर लगे रिश्वत के अरोपो पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा दी गई याचिका को आज पुर्णत खारिज करते हुए इस पर सुनवाई न करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने पूर्व में इस मामले में कहा था कि ‘ये आरोप गंभीर हैं और उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ हैं। आप देश के प्रधानमंत्री पर भी आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में इन पर यूं ही आरोप नहीं लगाए जा सकते, अगर पुख्ता सबूत हों तो मामले की आगे सुनवाई करेंगे। लेकिन अब कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में अब आगे सुनवाई नहीं होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आपको बता दे कि इससे पूर्व प्रशांत भूषण ने जवाब में कहा था कि वो पीएम पर आरोप नहीं लगा रहे। बल्कि इंकम टैक्स के सारे दस्तावेजों के आधार पर भी अपनी बात कर रहे है।
उनके पास 1500 पेज की रिपोर्ट भी है जिस पर वो हलफनामा दाखिल करते। 12 दिसंबर को कोर्ट बंद था इसलिए उन्होंने तय किया कि वो इस रिपोर्ट को खंगालकर हलफनामा दाखिल करेंगे। लिस्ट में अगली तारीख 11 जनवरी दी गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सहारा-बिड़ला डायरी मामले में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।