सहारा-बिड़ला डायरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को पुख्ता सबूतों के साथ आने के लिए कहा

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सुप्रीम कोर्ट ने सहारा, बिड़ला समूह पर हुई छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर पीएम मोदी पर लगे रिश्वत के अरोपो पर वरिष्‍ठ वकील प्रशंत भूषण को पुख्‍ता सबूतों के साथ शुक्रवार को कोर्ट आने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि ‘ये आरोप गंभीर हैं और उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ हैं। आप देश के प्रधानमंत्री पर भी आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में इन पर यूं ही आरोप नहीं लगाए जा सकते, अगर पुख्ता सबूत हों तो मामले की आगे सुनवाई करेंगे।

एनडीटीवी की खबर के अनुसार, अदालत ने कहा, ‘आप अगर ऐसे ही आरोप लगाते रहेंगे तो संवैधानिक अथॉरिटी को काम करना मुश्किल हो जाएगा। हमने पहले भी कहा था कि इस मामले में कोई सबूत देंगे तो सुनवाई करेंगे।

प्रशांत भूषण ने जवाब में कहा कि वो पीएम पर आरोप नहीं लगा रहे। दोनों के पास से इंकम टैक्स को ये सारे दस्तावेज मिले हैं। उनके पास 1500 पेज की रिपोर्ट भी है जिस पर वो हलफनामा दाखिल करेंगे। 12 दिसंबर को कोर्ट बंद था इसलिए उन्होंने तय किया कि वो इस रिपोर्ट को खंगालकर हलफनामा दाखिल करेंगे। लिस्ट में अगली तारीख 11 जनवरी दिखाई दे रही थी।

गौरतलब है कि वकील प्रशांत भूषण द्वारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली विधानसभा के आपात सत्र के दौरान बोलते हुए कहा था कि ऐसा स्वतंत्र भारत में पहली बार हो रहा है कि जब एक प्रधानमंत्री का नाम काले धन वालों की सूची में आ रहा हैं।

अपने सनसनीखेज आरोपों से केजरीवाल ने पीएम नरेन्द्र मोदी पर करोड़ों रूपये के काले धन को रिश्वत के रूप में लेने के दस्तावेज़ पेश किए, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

दस्तावेज़ विशेष रूप से जनता का रिपोर्टर पर पहुंच चुके थे। जनता का रिर्पोटर ने बाद में खुलासा किया था कि कैसे सहारा की प्रविष्टियों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ ‘मोदी जी’ / ‘मुख्यमंत्री गुजरात’ के लिए आ40.1 करोड़ का भुगतान करने की बात की थी।

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