केरल की वामपंथी सरकार का आदेश, सबरीमाला मंदिर में महिला कार्यकर्ताओं को नहीं मिलेगी जाने की इजाजत

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केरल सरकार ने कहा कि भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई को भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। देसाई की योजना 100 महिलाओं को लेकर सबरीमाला के इस मंदिर में जाने की है। मंदिर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है।

देवस्वम मंत्री कड़कमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा, ‘‘सबरीमाला मंदिर का प्रशासन त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीपी) के हाथ में है और इसकी परंपराएं तथा नियम हर किसी पर लागू होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का मामला उच्चतम न्यायालय में पहले से चल रहा है। उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले परंपराओं और रीति रिवाजों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय में दायर किए हलफनामे में कहा था वह सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में है।

भाषा की खबर के अनुसार, तृप्ति देसाई ने हाल ही में कहा था कि वह 100 महिला कार्यकर्ताओं के साथ भगवान अयप्पा के मंदिर में जाएंगी। इससे पहले तृप्ति शनि शिंगणापुर, त्रयम्बकेश्वर मंदिर और हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलन कर चुकी हैं।

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