RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- ‘पूरे देश में गोहत्या के खिलाफ कानून होना चाहिए’

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कथित गोरक्षकों को लेकर संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चल रहे बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पूरे देश में गोहत्या पर रोक लगाने वाले कानून की वकालत की है। साथ ही उन्होंने कहा कि गोवध के नाम पर कोई भी हिंसा उद्देश्य को नुकसान पहुंचाती है, कानून का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए।

फाइल फोटो।

राजधानी दिल्ली में भगवान महावीर की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि ‘हम देशभर में गो वध पर रोक लगाने वाला कानून चाहते हैं।’आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कानून का पालन करते हुए गाय की रक्षा करने का काम जारी रहना चाहिए।

साथ ही संघ प्रमुख ने कहा कि ‘गो वध के नाम पर कोई भी हिंसा उद्देश्य को बदनाम करती है और कानून का पालन करना ही चाहिए। बता दें कि भागवत का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब तथा कथिक गोरक्षकों द्वारा राजस्थान में एक व्यक्ति की हत्या करने से पूरे देश में राजनीतिक भूचाल मचा हुआ है।

वहीं, गोरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा गुजरात, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सरकारों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी।

साथ ही विपक्ष ने दो दिन लगातार इस मामले को लेकर संसद में हंगामा किया। हंगामा तब और बढ़ गया जब सरकार ने ऐसी कोई घटना होने से ही इनकार कर दिया। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्यसभा में कहा कि जिस तरह की घटना पेश की जा रही है, ऐसी कोई घटना जमीन पर नहीं हुई है।

क्या है अलवर मामला?

राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी 55 वर्षीय पहलू खान नाम की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर लिया है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।

दरअसल, मेवात जिले के नूंह तहसील के जयसिंहपुर गांव के रहने वाले पहलू खान एक अप्रैल को अपने दो बेटों और पांच अन्य लोगों के साथ जब गाय खरीदकर लौट रहे थे, तब राजस्थान के बहरोड़ में कथित गोरक्षों ने गो-तस्करी का आरोप लगाकर उन लोगों की जमकर पिटाई की।

भीड़ के हमले में अन्य लोगों के साथ बुरी तरह से पिटाई के शिकार हुए 55 साल के पहलू खान ने 3 अप्रैल को अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि, बाद में मिले दस्तावेजों से साफ होता है कि उनके पास गाय ले जाने के दस्तावेज भी थे। इन रसीदों में इन लोगों द्वारा जयपुर नगर निगम और दूसरे विभागों को चुकाए गए पैसों की रसीद है, जिसके तहत वे कानूनी रूप से गायों को ले जाने का हक रखते थे।

 

 

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