कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने एक बार फिर से राजनीति में आने के संकेत दिए है। फेसबुक पोस्ट के बाद सोमवार को वाड्रा ने कहा कि वह भविष्य में इस दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने को लेकर वह किसी जल्दबाजी में नहीं हैं और समय पर फैसला लेंगे।

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में आने और चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा, “सबसे पहले तो मैं अपने ऊपर लगे तथ्यहीन आरोपों से मुक्त होना चाहता हूं। लेकिन, हां, मैं इस पर काम करना जल्द ही शुरू करने वाला हूं। इसके लिए किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हूं। लोगों को यह महसूस जरूरत है कि मैं भी कुछ बदलाव ला सकता हूं… यह सब वक्त की बात है।”
Robert Vadra to ANI, on being asked if he wants to join politics & contest polls?: First, I need to absolve from baseless accusations & allegations. But yes, I will start working on it. There is no hurry. People need to feel that I can make a change… All in time. (file pic) pic.twitter.com/yGbgpIScwa
— ANI (@ANI) February 25, 2019
बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में भी राजनीति में आने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि वह लोगों की सेवा के लिए अधिक बड़ी भूमिका निभाने की सोच रहे हैं। इसके बाद उनके मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लग गई थीं। मुरादाबाद में कई जगह पर पोस्टर लगे हैं जिनके जरिए मांग की गई है कि रॉबर्ट वाड्रा मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें।
पोस्टर में लिखा है कि, ‘राबर्ट वाड्रा जी, मुरादाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए आपका स्वागत है।’ इस पोस्टर के अंत में निवेदक मुरादाबाद युवक कांग्रेस लिखा हुआ है। इस पोस्टर में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस चीफ राहुल गांधी की भी तस्वीरें भी लगी हुई हैं। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि पोस्टर युवक कांग्रेस ने लगाए हैं या नहीं।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार को अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था कि मैं बड़े स्तर पर लोगों की सेवा करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने आगे लिखा कि महीनों और सालों तक लोगों के बीच काम करने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि मुझे आम जनता के लिए बड़े स्तर पर कुछ करने की जरूरत है। खासतौर पर यूपी में काम करने के बाद ऐसा लगा कि यहां काफी कुछ करना बाकी है। मेरे हिसाब से बीते कुछ सालों में सीखे गए अपने अनुभव को यूं ही बेकार होने देना सही नहीं है।