(देखिए रिफत जावेद का पूरा संबोधन)
केंद्र की मोदी सरकार अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक घटनाओं पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल नजर आ रही है। यहां तक सुप्रीम कोर्ट तक को संसद से कहना पड़ा कि भीड़ द्वारा लोगों की पीट पीटकर हत्या करने की घटनाओं से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए नया कानून बनाने पर विचार किया जाए।
देश में लोगों के बीच फलाए जा रहे नफरत को लेकर इंडियन प्लुरलिस्म फाउंडेशन द्वारा पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘जनता का रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक व एडिटर इन चीफ रिफत जावेद ने खुलकर अपनी राय रखी है। मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रिफत जावेद ने यहां मॉब लिंचिंग के अलावा भारतीय मीडिया और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की वर्तमान भूमिका पर सवाल खड़े किए।
मुसलमानों पर हो रहे हमलों को लेकर रिफत ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘प्राइम हिट मोहम्मदन’ करार दिया। उन्होंने पीएम मोदी पर लोगों के बीच नफरत फैलाने का गंभीर आरोप लगाया। बीबीसी के पूर्व संपादक रहे रिफत ने कहा कि पीएम मोदी लोगों को कुएं की मेंढक की तरह देखना चाहते हैं, ताकी उनसे को सवाल न कर पाए।
भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं पर उन्होंने कहा कि यह ऐसे लोग हैं जो सिर्फ हत्या करना जानते हैं और ऐसे लोग किसी भी धर्म के नहीं होते हैं। रिफत ने कहा कि सरकार के चार साल बीत गए लेकिन उसने कोई ऐसा काम नहीं किया जिसे लेकर वह जनता के बीच जा सके। उन्होंने कहा कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए सरकार आम लोगों को आपस में लड़ाने का काम रही है।
ABP न्यूज में हुई ताजा घटनाक्रम का जिक्र करते हुए रिफत जावेद ने कहा कि मैं तो वह शख्स हूं जिसकी नौकरी सबसे पहले गई थी। उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, हालांकि चार साल अब यह बातें खुलकर लोगों के सामने आ रही हैं। आज तीन लोगों की नौकरी जाने की बात हो रही है, लेकिन आपके सामने जो शख्स बोल रहा है उसकी नौकरी सबसे पहले गई थी।