देश के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी तेजी से पांव पसार चुके कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे राज्य में कोहराम मचा रखा है। राज्य से कुछ ऐसी तस्वारें और वीडियों भी सामने आ रही है जिसे देखकर आपकी रूहें कांप उठेगी। वहीं, राज्य से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही है जो पूरे मानवता को शर्मसार कर रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से स्थिति बदतर होती जा रही है। आम इंसान तो छोड़िए, रिटायर्ड जज को भी लखनऊ में ना तो एम्बुलेंस की सुविधा मिल रही है और ना ही अस्पताल में बेड मिल रहा है। लखनऊ के ताजा स्थिति की हकीकत एक रिटायर्ड जज की चिट्ठी ने बयां कर दी।

उत्तर प्रदेश के चरमराए स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत बयां करते हुए रिटायर्ड जज ने एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में लखनऊ के गोमती नगर में रहने वाले रिटायर्ड जज रमेश चंद्रा ने लिखा कि वह और उनकी पत्नी मधु चंद्रा दोनों कोरोना संक्रमित थे। अस्पताल में भर्ती होने को लेकर उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों को कई बार फ़ोन किया लेकिन पांच मिनट कहकर तीन दिनों तक कोई भी उनके पास नहीं आया। ना तो दवाई उनके पास पहुंचाई गई और ना ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अंततः उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया। अपने पत्र में उन्होंने यह भी लिखा की उनकी पत्नी की डेड बॉडी घर पर ही पड़ी है और यहां उनके साथ कोई नहीं है जो उनकी मृत पत्नी की डेड बॉडी को उठा सके।
लखनऊ में कोरोना काफी बेकाबू हो गया है। ख़बरों के मुताबिक, लखनऊ के अस्पतालों ने ना तो मरीजों को बेड मिल रहा है और ना ही एम्बुलेंस। इतना ही नहीं कई मरीजों को अपने अपने गाड़ियों में बैठकर ऑक्सीजन सिलिंडर का उपयोग करना पड़ रहा है। यहां तक कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं।