अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के विवादास्पद एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई में गुरुवार को रिपब्लिक टीवी के संस्थापक द्वारा मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी।
रिपब्लिक टीवी चैनल चलाने वाले अर्नब गोस्वामी की कंपनी ARG आउटलेयर मीडिया लेट्स का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ भटनागर ने कहा कि उनके मुवक्किल ने ‘पुलिस (इंफेक्शन टू डिसफैक्शन) एक्ट, 1922’ को चुनौती दी थी। लाइव लॉ के अनुसार भटनागर ने कहा कि, यह औपनिवेशिक कृत्य राष्ट्रवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था और अब यह है। मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
CJI बोबड़े ने पूछा कि गोस्वामी ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया क्योंकि महाराष्ट्र में केस की शुरुआत हुई थी। गोस्वामी के वकील ने बताया कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले ही अधिनियम की संवैधानिकता को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि, आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी को चार नवंबर को गिरफ्तार किया था। उन्हें 11 नवंबर को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल गई थी। अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद ने 2018 में आत्महत्या कर ली थी क्योंकि गोस्वामी और अन्य दो आरोपियों की कंपनियों द्वारा द्वारा कथित तौर पर बकाए का भुगतान नहीं किया गया था।