बिहार विधान परिषद में सरकार की ओर से जवाब देने के लिए खडे़ हुए मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान का विरोध कर रहे भाजपा सदस्यों ने आज उनसे फाइल छीनने की कोशिश की और उनके माइक का रुख मोड़ दिया।
मस्तान एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करते दिखे थे। इसी को लेकर भाजपा नेता उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करते रहे हैं।
भोजनावकाश के बाद 2.30 बजे बिहार विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने पर मस्तान जब जदयू सदस्य दिनेश प्रसाद द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार की ओर से जवाब देने के लिए खड़े हुए तो भाजपा सदस्य लालबाबू प्रसाद सदन के बीच आ गए। उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ की गयी टिप्पणी को लेकर मस्तान को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की अपनी पार्टी की मांग दोहरायी।
लालबाबू प्रसाद के बाद भाजपा के अन्य सदस्य भी सदन के बीच आ गए और मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करने लगे।
पीटीआई की खबर के अनुसार, लालबाबू ने सरकार की ओर से जवाब दे रहे मंत्री मस्तान के हाथ से जहां फाइल छीनने की कोशिश की, वहीं भाजपा के एक अन्य सदस्य ने उनके माइक का रुख मोड़ दिया ताकि ताकि उनके द्वारा दिया जा रहा जवाब सुना नहीं जा सके।
इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य भी सदन के बीच आ गए और सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्य एक-दूसरे को धकेलने लगे। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य दिलिप कुमार चौधरी ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाते हुए उनके निलंबन की मांग की जिसका जहां जदयू सदस्य नीरज कुमार, राजद सदस्य सुबोध कुमार, भाकपा सदस्य केदारनाथ पांडेय ने समर्थन किया। वहीं, भाजपा सदस्य मंगल पांडेय, रजनीश कुमार, विनोद नारायण झा, नवल किशोर यादव और सूरजनंदन कुशवाहा ने सत्तापक्ष के आरोप का प्रतिकार करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को कभी भी सदन के बीच आते और विपक्षी सदस्यों को धकेलते नहीं देखा गया।
सभापति ने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस मामले में वह अपना निर्णय कल सर्वदलीय बैठक कर और सदन की कार्यवाही की रिकार्डिंग देखकर करेंगे।