किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे रेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष रेबल श्रद्धानंद पति ने अर्नब गोस्वामी, रुबिका लियाकत और रजत शर्मा पर साधा निशाना; प्रदर्शन स्थल पर आकर रिपोर्टिंग करने का दिया चैलेंज

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गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगहों पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। लेकिन इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते पूरे आंदोलन का माहौल बदल गया। राकेश टिकैत के आंसुओं ने गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल को एकदम से बदल दिया। यहां देर रात से ही देशभर के लोग जुटने लगे। इस बीच, वहां सोशल एक्टिविस्ट रेबल श्रद्धानंद पति (Rebel Shraddhanand Pati) भी पहुंचे।

रेबल श्रद्धानंद पति

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे रेबल श्रद्धानंद पति ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत के दौरान रिपब्लिक टीवी के संस्थापक अर्नब गोस्वामी, ABP न्यूज़ की एंकर रुबिका लियाकत और समाचार चैनल इंडिया टीवी के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ रजत शर्मा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, इन वरिष्ठ पत्रकारों में अभी इतनी हिम्मत नहीं है कि, वो इस समय किसानों के बीच पर आकर रिपोर्टिंग कर सकें। उन्होंने कहा कि, रजत शर्मा कभी भी जनता के बीच में ‘आप की आदातल’ नहीं कर पाएंगे।

रिबेल फाउंडेशन के अध्यक्ष रिबेल श्रद्धानंद पति ने दावा किया कि, उसके साथ इस समय 12 करोड़ लोग जुड़े हुए है और सभी ने किसानों को अपना समर्थन दिया हैं। मैं उन 12 करोड़ लोगों की आवाज़ बनकर यहां किसानों का समर्थन करने आया हूं और जब तक किसानों का धरना चलता रहेगा हमारे सदस्य यहां आते रहेंगे।

गौरतलब है कि, गुरुवार (28 जनवरी, 2021) को पुलिस और प्रशासन की चहलकदमी के बाद से आशंकित किसान गाजीपुर बॉर्डर से अपना सामान समेटने लगे थे। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्ता विफल होने के बाद राकेश टिकैत के आंसुओं ने माहौल बदल दिया। हालात ऐसे बन गए कि आधी रात से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों से किसानों के समूह गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे।

जहां धरना खत्म होने की अटकलें लग रही थीं वहां रात में ही हज़ारों की संख्या में किसान जुटने लगे। शुक्रवार की सुबह होते-होते देशभर के किसान भी राकेश टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने लगे। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस फोर्स को बैरंग वापस लौटना पड़ा।

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