VIDEO: सरकार को सवाल करने वाले मीडिया संस्थानों के बाहर CBI, ED और IT के दफ्तर खुलवा देने चाहिए: रवीश कुमार

0

प्रणय रॉय पर CBI की छापेमारी के बाद सरकार के इस फैसले को अच्छा और बुरा कहने की प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है। जहां एक और कई राज्यों के मुख्यमंत्री NDTV और प्रणय राॅय के समर्थन में उतरे दिखें वहीं देश के कई दिग्गज पत्रकारों, आलोचकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर रखी।

इन सब से अलग NDTV में वरिष्ठ पत्रकार और लघु कथाओं में हाथ आजमाने वाले रवीश कुमार ने ‘जनता का रिपोर्टर’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामलें पर मैं क्या बोलूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।

उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सुप्रीम कोर्ट में एडवांस जेल के लिए एप्लाई कर देना चाहिए। बिना किसी अपराध के तीन-चार साल जेल में हो आए और जब जैसे-जैसे सरकार किसी केस में आपको फंसाती चलें आप अपनी सजा कटवाते चलें, तो इसलिए एडवांस जेल का सिस्टम होना चाहिए हम लोग सीधे जेल ही चले जाते हैं। तीन-चार के बाद निकलगें तो ठीक रहेगा।

उन्होंने कहा जनता इस बात का निर्णय करें कि कौन पत्रकारिता कर रहा है और कौन नहीं कर रहा है। इस पर क्या बोला जा सकता है कुछ समझ नहीं आता। रवीश कुमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप मीडिया सिस्टम में डर का माहौल बनाने में लगे हुए है, क्या यह अच्छा है। सरकार को यह देखना चाहिए कि उसकी वजह से या उसके समर्थकों की वजह से मीडिया संस्थानों में किसी तरह के भय का माहौल नहीं बनना चाहिए? क्या यह सरकार का काम नहीं है?

उन्होंने कहा कि जो लोकतंत्र में भागीदार की भूमिका निभा रहे है उनको भी यह देखना चाहिए कि मीडिया कितना भयमुक्त है अगर वो ही भयमुक्त नहीं रह पाएगा तो आम आदमी कैसे भयमुक्त रह पाएगा। रवीश ने जनता का रिपोर्टर से बात करते हुए कहा कि सवाल करने वाले प्रत्येक मीडिया हाउस के आगे CBI, ED और IT का एक दफ्तर खुलवा देना चाहिए और बाकि लोग तो ठीक ही काम कर रहे है।

 

 

Previous articleNDTV’s Ravish Kumar to Janta Ka Reporter: Govt should open offices of CBI, ED and IT outside media houses that raise questions
Next articleHalf of India’s children live under extreme poverty: Study