केरल की एक अदालत ने अभी हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम सीट से सांसद शशि थरूर द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को दो मई से पहले अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट द्वारा समन जारी होने के कुछ दिनों बाद ही रविशंकर प्रसाद ने बिना शर्त शशि थरूर से माफी मांग ली है। शशि थरूर ने ट्विटर पर रविशंकर प्रसाद की ओर से उन्हें लिखे गए पत्र की कॉपी शेयर की है। ट्वीट में थरूर ने लिखा है कि उन्हें यह ऐलान करते हुए काफी खुशी हो रही है कि रविशंकर प्रसाद के बीच मतभेद पर समझौत हो गया है।
बता दें कि, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के संदर्भ में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के लिए दिसंबर 2018 में रविशंकर प्रसाद के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। थरूर को लिखे अपने पत्र में प्रसाद ने कहा, अभियान की गर्मी के दौरान एक साल से अधिक समय पहले मैंने एक हत्या के मामले में आपको आरोपी बताते हुए एक टिप्पणी की थी। संबंधित में जांच के निष्कर्ष के बारे में बाद में जानकारी प्राप्त करने पर मुझे पता चला कि आपके खिलाफ उक्त आरोप तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। मैं, बिना शर्त इसे वापस लेता हूं।
केंद्रीय मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद ने लिखा, अपने बारे में अपने शब्दों को वापस लेना आपके लिए बहुत ही दया की बात है, जिसने मुझे बहुत नाराज किया। मैं आपकी भावनाओं का स्वागत करता हूं और हमारे लंबे जुड़ाव को देखते हुए मैं इस मामले को बंद मानकर खुश हूं। मैं दायर इस मानहानि मामले में अपने वकीलों को निर्देश दे रहा हूं।प्रसाद के साथ अपने पत्राचार को साझा करते हुए थरूर ने ट्विटर पर लिखा, “श्री रविशंकर प्रसाद के साथ मेरे हाल के मतभेदों के सौहार्दपूर्ण समाधान की घोषणा करने की खुशी।”
Pleased to announce the amicable settlement of my recent differences with Shri @rsprasad. pic.twitter.com/FvF1p9PqaA
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 21, 2020
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, इससे पहले थरूर ने उन्हें ‘‘हत्या का आरोपी’’ कहने के लिए विधि न्याय एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद को कानूनी नोटिस भेजकर ‘‘बिना शर्त माफी मांगने’’ को कहा था। थरूर ने कहा था कि पुष्कर मामले में जांच पूरी हो गई है और दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट भी दायर कर दी, जिसमें उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 308 और 498 ए के तहत आरोप पत्र दायर किए गए थे। थरूर ने कहा, ‘‘अंतिम रिपोर्ट यह नहीं कहती है पुष्कर की मौत हत्या थी।’’
तिरुवनंतपुरम के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 28 अक्टूबर को प्रसाद ने सुबह पांच बजकर 38 मिनट पर ट्विटर पर अपने संवाददाता सम्मेलन का दो मिनट 18 सेकंड की एक वीडियो क्लिप जारी की थी जिसमें ‘‘गलत, असत्य, दुर्भावना से प्रेरित और बेहद अपमानजनक बयान’’ थे। शशि थरूर ने आरोप लगाया कि यह वीडियो उन्हें अपमानित करने के इरादे से पोस्ट किया गया था और इसमें उनके खिलाफ ‘‘झूठे, गलत और निंदनीय आरोप’’ लगाए गए कि वह ‘‘हत्या के आरोपी’’ हैं तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर हुए हैं।