जब शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने धर्मेंद्र प्रधान की कर दी ‘खिंचाई’, जानिए क्यों?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार(3 अगस्त) को अपने मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया, जिसमें नौ नये चेहरों को शामिल किया गया और चार मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नति मिली। जबकि मंत्रिपरिषद विस्तार में अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, शिव प्रताप शुक्ला, अनंत कुमार हेगड़े राज कुमार सिंह, हरदीप पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह और के जे एल्फॉस ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।

PHOTO: PIB

केंद्रीय मंत्रिमंडल में यह तीसरा और संभवत: आखिरी फेरबदल हुआ है। इस नए कैबिनेट फेरबदल में निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय एवं पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। ताजा विस्तार के बाद मोदी मंत्रिपरिषद में अब 27 कैबिनेट, 11 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 37 राज्य मंत्री समेत कुल सदस्यों की संख्या 76 हो गई। मंत्रिमंडल की संख्या लोकसभा सदस्य संख्या की 15 फीसद हो सकती है। ऐसे में कुल 81 मंत्री हो सकते हैं।

जब राष्‍ट्रपति ने धर्मेंद्र प्रधान को टोका

धर्मेंद्र प्रधान ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे काबिल मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ ग्रहण के दौरान ही खिंचाई कर दी। दरअसल, शपथ लेते समय प्रधान एक शब्द गलत पढ़ गए, जिसके कारण राष्ट्रपति ने उन्हें रोका और उस वाक्य को दोहराने को कहा। इसके बाद प्रधान ने सही-सही उस वाक्य को पढ़ा। दरअसल, एक जगह प्रधान ‘संसूचित’ को ‘समुचित’ पढ़ गए।

लेकिन प्रधान को अपनी गलती का अहसास नहीं हुआ और वे अपना शपथ ग्रहण समाप्त समझ कर हस्ताक्षर करने जा रहे थे। तभी राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें उनके द्वारा बोले गये गलत शब्द ‘समुचित’ की ओर ध्यान दिलाया और इस पंक्ति को फिर से उच्चारण करने को कहा। राष्ट्रपति ने कहा कि ये शब्द ‘समुचित’ नहीं बल्कि ‘संसूचित’ है। राष्ट्रपति के निर्देश के बाद धर्मेन्द्र प्रधान ने इस पंक्ति को फिर से पढ़ा। तब जाकर उनका शपथ ग्रहण पूरा हुआ।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ऐसा पहले भी एक बार कर चुके हैं। जब वह बिहार के राज्यपाल थे तो आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल शपथ के दौरान उन्होंने लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप को भी गलत उच्चारण के लिए टोका था और उन्हें भी दोबारा शपथ लेनी पड़ी थी।

बता दें कि पेट्रोलियम मंत्री के रूप में प्रधान के पास अभी तक स्वतंत्र प्रभार था। लेकिन पीएम मोदी ने उज्ज्वला योजना की सफलता और एलपीजी सब्सिडी पर उनके काम को देखते हुए उनको कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। धर्मेन्द्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का प्रभार दिया गया। पहले इस मंत्रालय का प्रभार राजीव प्रताप रूढ़ी के पास था, जिन्होंने मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया था।

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