राष्टीय स्वयं सेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भारी दवाब बनाते हुए अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा को थोपते हुए हुए रामजस कॉलेज के बाद खालसा कॉलेज ने भी अपना स्ट्रीट कॉम्पिटिशन रद्द कर दिया है।
रामजस कार्यक्रम का मुद्दा बेहद गरमाया हुआ है। इस विवाद पर कई टीवी कार्यक्रमों में बड़ी-बड़ी बहस आयोजित की जा रही है। ऐसी ही एक डिबेट NDTV ने भी आयोजित की जिसमें भाग लेने के लिए RSS प्रचारक राकेश सिन्हा को बुलाया गया। इनके अलावा जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने भी बहस के लिए इस शो में हिस्स लिया।
राकेश सिन्हा ने बीच बहस में शो छोड़ दिया वह शेहला राशिद के सवालों को झेल नहीं सकें और उनके द्वारा ‘शेमलेस पर्सन’ कहे जाने के विरोध में उठ खड़े हो गए।
बहस के दौरान अपने तर्को से राकेश सिन्हा शेहला राशिद की बात का जवाब नहीं दे पा रहे थे। शेहला बता रही थी कि ABVP ने किस प्रकार से पत्थरबाजी की और इस घटना में वह किस प्रकार चोटिल हुई व किस प्रकार की अमानवीय हरकतें ABVP द्वारा वहां की गई। वह इसके लिए एक पत्थर भी अपने साथ लेकर आई थी।
राकेश सिन्हा की बाॅडी लैग्वेज और चेहरे के हाव-भाव बता रहे थे कि वह शेहला राशिद के सवालों का सामना नहीं कर पा रहे है। जबकि शेहला लगातार हावी होती जा रही थी। जब राकेश सिन्हा बचाव की मुद्रा भी नहीं अपना सके तो ‘शेमलेस पर्सन’ कहे जाने के मुद्दे पर शो को छोड़ना उन्हें बेहतर लगा और उन्होंने अपना माइक निकाल कर शो छोड़ दिया।
शो के दौरान जब शेहला ने अपने साथ लाए हुए पत्थर पर राकेश सिन्हा से जवाब मांगा जिस पर सिन्हा ने बताया कि कॉलेज में एक नया नारा लगाया गया था जिसमें ‘बस्तर की आजादी’ की बात की गई थी। लेकिन शेहला ने कहा कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसपर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। शेहला कह रही थीं कि राकेश सिन्हा झूठ बोल रहे हैं। इस पर राकेश सिन्हा ने कहा कि जो पत्थर शेहला दिखा रही थीं वह उनके लोगों द्वारा ही फेंके गए थे।
इसके अलावा राकेश सिन्हा ने यह भी कहा कि शेहला राजनीति चमकाने के लिए यह सब कह रही हैं। इसके बाद शेहला द्वारा ‘शेमलेस पर्सन’ की बात पर बहस और अधिक गर्म हो गई और राकेश सिन्हा इस बात पर भड़क गए व जोर-जोर से चिल्ला कर बोलने लगे। एंकर ने शो को संभालने की पूरी कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पा रही थी। आखिर में राकेश सिन्हा ने अपना माइक उतार दिया और शो छोड़ दिया।