नहीं मिलेगी राजीव गाँधी के हत्यारों को फांसी, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की केंद्र की याचिका

0

राजीव गाँधी के हत्यारों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार द्वारा दाखिल क्यूरेटिव पिटिशन रद्द हो गई है। केंद्र सरकार ने मांग की थी कि पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारे दया के पात्र नहीं हैं, इसलिए उन्हें उम्रकैद के बजाय फांसी ही मिलनी चाहिए। मगर यह याचिका रद्द होने के बाद अब उनकी उम्रकैद की सजा बरकरार रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2014 को राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा पाए तीन मुजरिमों संथन, मुरुगन और पेरारिवलन की सजा को आजीवन कैद में बदल दी थी। तीनों ने दया याचिकाओं के निबटारे में देरी के आधार पर मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसका विरोध कर रही केंद्र सरकार के तमाम तर्कों को खारिज करते हुए उन्हें यह राहत दी थी।

उस वक्त चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने दोषियों की दया याचिका पर फैसला लेने में केंद्र सरकार की ओर से हुई 11 साल की देरी का जिक्र किया था। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश उस वक्त के अटॉर्नी जनरल जी. ई. वाहनवती ने दलील दी थी कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका का निपटारा करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है, ऐसे में इसे देरी नहीं कहा जा सकता। इस पर कोर्ट ने कहा था, “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह दया याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए राष्ट्रपति को उचित समय में सलाह दे”|
इसके बाद केंद्र सरकार ने रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी, जो खारिज हो गई थी। आखिर में क्यूरेटिव पिटिशन फाइल की गई थी। पिछले हफ्ते याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने सलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा था, “हमारे पूर्व प्रधानमंत्री की इन लोगों ने हत्या कर दी थी। उनकी हत्या की साजिश की गई थी, जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इनके प्रति किस तरह की दया या नरमी दिखाई जानी चाहिए, इस पर आपको गौर करना है”|
सलिसिटर जनरल ने कहा था, “इनकी दया याचिका राष्ट्रपति और तमिलनाडु के राज्यपाल ने भी अस्वीकार कर दी थी। फिर अब किस तरह की दया की दुहाई दी जा रही है?” मगर सुप्रीम कोर्ट ने इन तर्कों को मानने से इनकार करते हुए क्यूरेटिव पिटिशन रद्द कर दी।

Previous article4 CRPF jawans, four civilians injured as militants hurl grenades in Anantnag
Next articleकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने आप सरकार के दो ख़ास अफसरों का किया तबादला